भारत में बेरोजगार यूवाओ का बढा आकडा

Number of unemployed youth increased in India

Update: 2024-01-18 13:14 GMT

भारत में बेरोजगारी की समस्या एक विकराल रूप धारण कर चूकी है, बढे उदयोग और जनसंख्या विकास के बावजूद , देश को बेरोजगारी कि चुनौतीयों का सामना करना पड रहा है। इस समय, बेरोजगारी ने आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित किया,जीससे की सरकार की चींता बढ गई है .

बेरोजगारी के कारण

कई कारणों कि वजह से बेरोजगारी का स्तर बढ़ रहा है, जिनमें अर्थव्यवस्था की मंदी, तकनीकी परिवर्तन, और उद्यमिता में कमी शामिल हैं। स्वतंत्रता के बाद से अब तक, कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश रोजगार देने वाले क्षेत्र रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आधुनिक भारत में औद्योगिकीकरण के कारण नौकरीयों की मांग में वृद्धि नहीं हो पा रही है।

शिक्षित यूवाओ के बेरोजगारी की समस्या

शिक्षित यूवाओ के बेरोजगारों का आकडा भी विसाल रूप से बढ़ा है, जो समाज में चिंता का कारण बन रही है। अनेक युवा बेरोजगारों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद सार्थक रोजगार की कमी है, जिससे उनकी आत्मसमर्पण में गिरावट हो रही है।

सरकार का , इस मामले को लैकर ढूलमूल रवैया

केंद्र सरकार ने जनता से कई बडे वायदे कीऐ थे,जैसे कि हर साल 2 करोड युवाओ को नोकरी देने का जीसे लेकर सरकार ने आंख बंद कर ली है.उलटे जो सरकारी नोकरीया देने वाली कंपनिया है, उनहे ओने-पोने दामो पर सरकार कंपनीयो को बेच रही है.

आगे की दिशा

बेरोजगारी दर को कम करने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने की जरूरत है , सरकारी नोकरीयों मे खाली पदो को भरने की जरूरत है. वही स्वयं से रोजगार बनाने के लिए उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार, समृद्धि और सामरिक समाज को मिलकर काम करना होगा। न केवल सरकार, बल्कि नागरिकों को भी अपनी उम्मीदों और क्षमताओं के साथ सामरिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।

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