घर में घूसकर पत्रकार विमल यादव की हत्या
भारत के लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जानेवाली पत्रकारितापर आये दिन खतरा मंडरा रहा है | असामाजिक तत्वों की हिम्मत इतनी बढ गयी है की, उनके निशाने पर अब पत्रकार आ गये है | पत्रकारों पर हमले या फिर जानसे मारने की घटनाए हो रही है |
भारत के लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जानेवाली पत्रकारितापर आये दिन खतरा मंढरा रहा है | असामाजिक तत्वों की हिम्मत इतनी बढ गयी है की, उनके निशाने पर अब पत्रकार आ गये है | पत्रकारों पर हमले या फिर जानसे मारने की घटनाए हो रही है |
एक पत्रकार की हत्या से आज पूरे देश में सन्नाटा छाया हुआ है | बिहार के अररिया जिले में आज सुबह दिल दहलाने वाले घटना हुयी है | अररिया के ASP अशोक सिंह ने बताया है कि, बिहार के अररिया के रानीगंज मे सुबह करीब 5.30 बजे दैनिक जागरण के पत्रकार विमल यादव के घर के दरवाजे को चार बदमाशों ने खटखटाया | विमल यादव ने दरवाजा खोलते ही बदमाशों ने उनपर अंधाधुंद फायरिंग की, जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गयी | परिजन जख्मी विमल को रानीगंज रेफरल अस्पताल में लेकर गये, जहा डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित किया |
आप को बता दे, कि 4 साल पहले 2019 मे विमल यादव के भाई की हत्या हुई थी | जिस मामले मे पत्रकार यादव एकलौते गवाह थे | केस स्पीड ट्रायल पर चल रहा था | उनके भाई के केस मे विमल की भी गवाई होनी थी, लेकिन आज उनकी हत्या हो गई | विमल ने खुद की सुरक्षा देखते हुए बंदूक के लिए लाइसेंस भी अप्लाई किया था, लेकिन कई बार आवेदन के बाद भी लाइसेंस नही मिल पाया था | इस पर उनके परिवार ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया है | इस आरोप की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक सर्तक हो गए | इस हत्या को लेकर परिवार ने शक जताते हुए कहा है, कि जिसने विमल यादव के भाई गब्बू यादव की हत्या करवाई है, उसी ने विमल की सुपारी दी है | फिलहाल, FSL टीम मौके पर है | विमल यादव के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आरोपियो को पकड़ने का प्रयास जारी है |