नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में कहा है कि साल 2020-2021 में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के दौरान मराठा आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले पर विचार के लिए एक बड़ी बेंच को भेजा है.
उन्होंने कहा कि यह बेंच मराठा आरक्षण के वैधता पर विचार करेगी.बता दें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) अधिनियम, 2018 को नौकरियों और एडमिशनों के लिए में महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए लागू किया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले साल जून में कानून को बरकरार रखते हुए कहा कि 16 प्रतिशत आरक्षण उचित नहीं है.
रोजगार में आरक्षण 12 प्रतिशत से और एडमिशन में 13 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. बाद में कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.बंबई हाईकोर्ट ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है. अब उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.