महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, कंगना की लड़ाई में साधु संत अभिनेत्री के साथ, राज्यपाल भी नाराज
मुंबई। अभिनेता कंगना रनौत को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का समर्थन मिला गया है. कंगना को देश की बहादुर और साहसी बेटी बताते हुए, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अभिनेत्री पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा डर से हमला किया जा रहा है.
कंगना ने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है. सच की आवाज को दबाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार ने कंगना रनौत के कार्यालय पर बुलडोजर चलवाया है. सुशांत सिंह मर्डर केस में जिस बहादुरी से कंगना ने ड्रग और बॉलीवुड माफियाओं का सामना किया है उससे लोगों में बौखलाहट है.
नरेंद्र गिरि ने कहा है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है. पालघर में दो साधुओं की हुई हत्या के मामले में भी महाराष्ट्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अखाड़ा परिषद ने पालघर मामले में भी सीबीआई जांच की मांग की है. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कंगना की इस लड़ाई में साधु-संत और पूरा देश उनके साथ है. उन्होंने कंगना को सुरक्षा देने के लिए हिमाचल प्रदेश और केंद्र सरकार को भी धन्यवाद दिया. उद्धव ठाकरे सरकार की निंदा हो रही है. महाराष्ट्र सरकार को अपने सहयोगी पर्टियों का भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
दूसरी ओर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कंगना रनौत मामले से निपटने के तरीके को लेकर अप्रसन्नता जतायी है. इसके साथ ही कंगना के बंगले में ‘अवैध निर्माण' को गिराने के मुंबई नगर निकाय के तरीके से भी वह नाखुश हैं. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुख्य सलाहकार अजॉय मेहता को तलब किया और पूरे मामले पर अपनी नाराजगी जताई।