जावेद अख्तर ने की RSS की तुलना तालिबान से
जाने-माने कवि और गीतकार जावेद अख्तरने तालिबानद्वारा अफगानिस्तान में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के बाद तालिबान पर निशाना साधा है. वह एनडीटीवी से बातचीत में बोल रहे थे. उन्होंने बजरंग दल और आरएसएस पर भी निशाना साधा.
जाने-माने कवि और गीतकार जावेद अख्तरने तालिबानद्वारा अफगानिस्तान में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के बाद तालिबान पर निशाना साधा है. वह एनडीटीवी से बातचीत में बोल रहे थे. उन्होंने बजरंग दल और आरएसएस पर भी निशाना साधा.
"दुनिया भर के राइट विंग यही चाहते हैं. जैसे तालिबान एक इस्लामिक राज्य चाहते हैं, वैसे ही यहां कई लोग एक हिंदू राष्ट्र चाहते हैं. वे सभी एक ही विचारधारा के हैं, चाहे वे मुस्लिम, ईसाई, यहूदी या हिंदू हों."
ऐसा कहकर आरएसएस और बजरंग दल को निशाना बनाया.
क्या देश में मुसलमान तालिबान का समर्थन करते हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे उनका बयान सचमुच याद नहीं है, लेकिन कुल मिलाकर उनकी भावना यह थी कि वह अफगानिस्तान में तालिबान का स्वागत करते हैं." ऐसे समर्थकों की संख्या बहुत कम है.
मैंने जिन मुसलमानों से बात की, उनमें से कई के बयानों को सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ. भारत में युवा मुसलमान अपने बच्चों के लिए बेहतर नौकरी, बेहतर शिक्षा और बेहतर स्कूल चाहते हैं. लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं. जो इस तरह की सकुचिंत विचारधारा में विश्वास करते हैं. जहां महिलाओं और पुरुषों के साथ अलग-अलग व्यवहार किया जाता है और पिछड़ी सोच का समर्थन करते हैं.
तालिबान बर्बर और आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद ...
तालिबान बर्बर हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनकी हरकतें निंदनीय हैं. हालांकि, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (विहिंप) और बजरंग दल का समर्थन करने वाले भी ऐसे ही हैं.
यह राय जावेद अख्तर ने व्यक्त की.