रहने को घर नहीं सोने को बिस्तर, चट मंगनी पट शादी, भावविभोर करने वाली एक गरीब वर वधु की साधारण

शादी अमीर की भी होती और गरीब लेकिन नसीब से होती!

Update: 2022-06-20 14:22 GMT

जलगांव: आपने और हमने कई बडी शादी समारोह में शामिल हुए होगे। जहां 56 हो व्यंजन शादी में आए हुए लोगों को परोसा नहीं जाता बल्कि अपने हाथों उठाकर जी भर कर खाते है। आइए आपको लेकर बड़ी-बड़ी शाही शादियों से दूर एक गरीब की शादी मे लेकर चलते है। शादी समारोह साधारण तरीके से हुआ, न तो बाजा में और न ही बरात थी। इस शादी में दूल्हा-दुल्हन सिंपल तरीके से एक साथ आए. गरीबों के विवाह समारोह में  भी शामिल होने वालों जो पाए उसको मेवा मिश्री समझकर खाएं। 

शादी के बारे में आपने बहुत सुना होगा, धरूआ शादी लव मैरिज,  कोर्ट मैरिज, अरेंज मैरिज शादी न करते हुए भी लिविग रिलेशनशिप वाली शादी। लेकिन हम आपको चट मंगनी पट शादी वाली कहावत से अवगत कराने जा रहे है जो आपने सुनी थी लेकिन आपके जेहन में नहीं थी। रहने घर नहीं सोने को बिस्तर नहीं फिर होती है शादी उसका नाम है चट मंगनी पट शादी। 




 


जलगांव जिले पाचोरा शहर में एम. एम कॉलेज के मुख्य द्वार के पास खाली जमीन पर गरीब परिवार के 15 से 20 लोगों का एक परिवार रहता है। सिमरन हकीम पवार ने राजुर गणपती पर तोलिंग शंकर भोसले से शादी की। विवाह समारोह में न मंडप, न बैंड, न भोज का आयोजन समाज के 15 से 20 सदस्यों की मौजूदगी में बेहद साधारण तरीके से विवाह रस्म को पूरा किया गया, वर और वधु को हल्दी लगाई गई। उसके बाद दोपहर 12 बजे दर्शकों के दूसरे वेडिंग बैंड पर डांस करते साक्षी के साथ शादी समारोह संपन्न हुआ। शादी के बाद सभी वर-वधू दोनों तरफ के लोगों एक सड़क पर स्थित छोटी सी होटल पर जाकर एक-एक प्लेट पोहा खाए और वर वधु को आशीर्वाद दिया।




 


कहते है ना कि ऊपर वाला जोडिया बनाता नसीब से बनती है जोडी भाग्य में जो लिखा होता है वहीं मिलता है। लेकिन यह व्यथा है जलगांव के पारधी समाज के उन लोगों की जो गरीबी की चादर में पैर पैर उतना ही फैलाते जिसमें लो ढकी रही। समाज में ऐसे कृत्यज्ञ लोग है किसी का संसार बसे यहीं कामना करते शादी तो सभी की होती है अमीर हो या गरीब। मैक्स महाराष्ट्र इस शादी की तस्वीरों से समझाने का प्रयास करेगा जिससे आप खुद समझ सकते है शादी शब्द से कितनी खुशी है कैसे इस शादी में वर वधु लेकर सभी लोग खुश नजर आए जैसे हम और बडी शादियों में शिरकत पेश करने के बाद करते है।






 

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