सूचना आयोग के आदेश, हॉकी इंडिया विदेशों में ट्रांसफर किए गए फंड का मकसद बताए

Update: 2021-12-20 05:48 GMT

केंद्रीय सूचना आयोग ने हॉकी इंडिया को विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर किए गए फंड का मकसद बताने के लिए कहा है। इसके साथ ही सूचना आयोग ने निकाले गई नकदी का भी ब्योरा देने के निर्देश जारी किए हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सूचना आयोग ने कहा है, "वो सामान्य जानकारी चाहते हैं। इसलिए आयोग से प्रतिवादी को पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने अपने आदेश में हॉकी इंडिया को केवल बैंक खातों पर हस्ताक्षर करने वालों के पद बताने का निर्देश दिया है।

साथ ही फेडरेशन के विदेशी खातों में किए गए फंड ट्रांसफर और निकाली गई नकदी का कारण भी बताने के निर्देश दिए हैं।

क्या है पूरा मामला

इससे पहले हॉकी का संचालन करने वाली संस्थान हॉकी इंडिया ने गोपनियता बरकरार रखने के लिए जानकारी देने से इनकार कर दिया था।

आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने हॉकी इंडिया के कामकाज को जानने के लिए अक्टूबर 2019 में 20 प्वांइट का एक आरटीआई आवेदन दायर किया था।

आवेदन में बैंक खातों में हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी और उनके पद की भी जानकारी मांगी गई थी। साथ ही विदेशी खातों में किए गए फंड ट्रांसफ़र और हॉकी इंडिया के बैंक खातों से नकद निकालने के कारण के बारे में पूछा गया था।

हालांकि हॉकी इंडिया ने आरटीआई क़ानून की धारा 8 (1) (डी) का हवाला देते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया था। सुभाष अग्रवाल ने उसके बाद हॉकी इंडिया के इस रुख़ को केंद्रीय सूचना आयोग में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि गोपनीयता का मामला यहां पर लागू नहीं हो सकता।

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