महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के कर्जत-जामखेड तहसिल में आज नया विक्रम रचा गया, जहां आज देश का सब से उँचा झंडा फहराया गया। महाराष्ट्र एनसीपी के लोकप्रिय युवा विधायक और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के पोते रोहित पवार द्वारा परिकल्पित बहुचर्चित स्वराज्य ध्वज पूजन यात्रा का समारोप आज यहां के खर्डा स्थित शिवपट्टण किले पर एक भव्य समारोह में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मा. विधायक रोहित पवार समेत कई माननीय अतिथी उपस्थित थे । जिस में विद्यमान विधायक संजय दौंड, विधायक बाळासाहेब काका आसबे, विधायक संजय मामा शिंदे, विधायक संदीप भैय्या क्षीरसागर, माजी विधायक राहुल भैय्या मोरे, माजी विधायक मधुसूदन केंद्रे भी उपस्थित रहें । इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए रोहित पवार ने कहा की इस मंगल स्वराज ध्वज की पहचान और ताकत उस के द्वारा दिए गए एकता और समानता के संदेश में हैं। और इसी कारण आप सभी यहां ध्वज को सन्मानित करने पहुंचे हैं। उन्हों नें यह स्पष्ट किया की मुझे प्रसिद्धी का कोई लालच नहीं हैं, इस स्वराज ध्वज की महत्ता को समझकर राज्य के सभी आबालवृद्ध जनता नें इसे स्वीकार किया हैं यही सब से बडी बात हैं।
भगवे रंग के आधार पर होने वाले राजनीति को नकारते हुए रोहित पवार नें कहां की स्वराज्य ध्वज के इस पुरे कार्यक्रम का हेतू राजकीय नहीं है। किसी नई वस्तू का पूजन घर में होता हैं, ठिक उसी तरह आज हम इस स्वराज्य ध्वज का पूजन तथा सन्मान कर रहे हैं। मानवता और एकता के तत्त्वों की हमेशा भारतीय सभ्यता में प्रशंसा की गई और उन्ही का आधार लेकर हमे अपने कुटुंब, अपना राज्य और देश का विकास करना चाहिए, यह भगवा स्वराज्य ध्वज भी इसी बात को अधोरेखित करता हैं। उपस्थित युवाओं से बात करते हुए रोहित पवार ने कहां की छत्रपती शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, क्रांतीज्योती सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर जैसे कई महनीय लोगों ने आजतक राज्य के लिए असामान्य कर्तृत्व दिखाया है, हमे भी स्वराज्य ध्वज से प्रेरणा लेते हुए अच्छे विचारों को साकार करना चाहिए। उन्हों ने इस समय एक प्रतिज्ञा का वाचन भी किया।
इस समारोह के अवसर पर महाराष्ट्र के कुछ असामान्य प्रेरणाशाली व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन का इस मौके पर सन्मान किया गया। जिस में आदर्श शिक्षक रणजित डिसले, ह.भ.प जलाल महाराज सय्यद, कटहल उत्पादक किसान हरिश्चंद्र देसाई, कोविड योद्धा अक्षय कोठावळे, मुंबई डब्बेवाला संघ के प्रवक्ता रितेश आंद्रे, वन्यजीव संवर्धक बंडू धोत्रे, पॅराऑलिम्पिक तरणपटू सुयश जाधव, नौकानयनपटू दत्तू भोकानाळ, मसाला क्विन उद्योजिका कमलताई परदेशी, बीज संवर्धक किसान राहीबाई पोपरे, प्रगतीशील किसान ज्ञानेश्वर बोडके व विलास शिंदे, दुग्धव्यावसायिका श्रद्धा धवन, घोंगडी निर्माणकार जगू कुचेकर, 'डॉ. फॉर बेगर्स' एनजीओ के संस्थापक- डॉ. अभिजित सोनावणे, ऑक्सिजन मॅन शाहनवाझ शेख और हिदायत माणेर, सर्पमित्र राजेश ठोंबरे, बारीपाडा इस आदर्श आदीवासी गांव के सरपंच चैत्राम पवार, युवा शास्त्रज्ञ करीश्मा इनामदार, युवा एस्ट्रोफोटोग्राफर पथमेश जाजू, तमाशा कलावंत मंगलाताई बनसोडे, गायक अवधूत गांधी, स्त्री भ्रूण हत्याविरोधी कार्यकर्ते डॉ गणेश राख, युवा साहित्य अकादमी विजेता लेखक नवनाथ गोरे, सनदी अधिकारी मोनिका कांबळे, पेंटॅथ्लॉनिस्ट क्रिडापटू अजिंक्य बालवडकर आणि कुस्तीपटू काळे शामिल थे।
महाराष्ट्र के कुल ३६ जिलों, देश के ५ राज्यों, और ९६ प्रेरणा स्थानों पर जाने के बाद १२,००० किलोमीटर का सफर तय करते हुए इस अनोखे स्वराज्य ध्वज ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी।
अहमदनगर जिले के कर्जत स्थित सद्गुरु संत श्री गोदड महाराज के मंदिर में गत माह गुरुवार को, 9 सितंबर की सुबह ध्वजपूजन के साथ इस यात्रा का शुभारंभ हुआ था, जिसे स्थानिकों द्वारा काफी सराहना मिली थी ।
आज दशहरा के शुभ अवसर पर १५ अक्तूबर २०२१ को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित खर्डा शिवपट्टण किले पर यह बहुचर्चित ७४ मीटर लंबा भगवा झंडा फहराया गया। शायद ये देश ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे ऊंचा झंडा है । राज्य के युवाओं को नयी प्रेरणा और स्फूर्ती देने में इस स्वराज्य ध्वज नें बडी यशस्विता हासील की हैं। इस पर बना एक जल्लोषभरा गीत भी राज्य के युवावर्ग में काफी लोकप्रिय हो चुका हैं।
महाराष्ट्र के खर्डा में छत्रपती शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी स्वराज की सबसे बडी और आखिरी लडाई निजाम के खिलाफ हुई। इस लडाई में स्वराज को महान जीत हासिल हुई। अहमदनगर के शिवपट्टण किले पर यह लडाई हुई थी। किले के इसी ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए रोहित पवार ने इस क्षेत्र को एक नई पहचान देने का संकल्प किया था और महाराष्ट्र का गौरव बढ़ाने के कारण उन्हों ने स्वराज्य ध्वज यात्रा का प्रारंभ किया था। इसी प्रेरणा से दुर्ग परिसर में भव्य ध्वजारोहण कर देशभक्ति की अपार ऊर्जा देने वाले शौर्य के प्रतीक 74 मीटर ऊंचे भगवा ध्वज को फहराया गया। लोगों से प्यार और सन्मान पाती यह स्वराज्य ध्वज पूजन यात्रा का आयोजन लोगों की पूर्ण भागीदारी और सहयोग से हुआ था। हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपती शिवाजी महाराज का स्वराज्याभिषेक ६ जून १६७४ के दिन हुआ था, इसी की स्मृती में इस ध्वज की उँचाई ७४ मीटर रखी गयी है। ध्वज का आकार ९६x६४ फिट है तथा ध्वज स्तंभ का वजन १८ टन है। स्वराज्य ध्वज का वजन ९० किलो है।