किस मामले में अरविंद केजरीवाल हुए गिरफतार

Update: 2024-03-23 07:27 GMT

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफतार कर लिया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सडको पर निकल कर भारी विरोध प्रदर्शन करने लगे और आप के नेता केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर है। केजरिवाल की गिरफतारी के बाद राजधानी का राजनितीक तापमान हाई है।

लेकिन क्या आप जानते है की ईडी ने केजरिवाल को गिरफतार क्यों किया ?

दरअसल, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार, 2021-22 में नई उत्पाद शुल्क नीति या आबकारी नीति ले आई थी. यह नीति नवंबर 2021 में लागू हुई, लेकिन इस कानून को लेकर विवाद शूरू हो गया।जिसके बाद जुलाई 2022 में आबकारी नीती को रद्द कर दीया गया. पूरा विवाद इसी नीति पर केंद्रित है. उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में दो मुकदमें दर्ज हैं. एक सीबीआई द्वारा, और दूसरा कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा. ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफतार करने से पहले 9 समन भेजे थे, जिसके बाद ईडी ने दसवे समन पर केजरिवाल के घर पहुच गई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल को गिरफतार कर लीया।

गिरफतारी के बाद अरविंद केजरीवाल को ईडी ने अदालत में कहा की अरविंद केजरीवाल ‘दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सरगना और मुख्य साजिशकर्ता” हैं. ईडी ने अपनी रिमांड एप्लीकेशन में कहा कि केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की साजिश में शामिल थे और इस लाभ के बदले शराब व्यवसायियों से रिश्वत की मांग की. एजेंसी ने कहा कि ‘आम आदमी पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनान में अपराध की आय का इस्तेमाल किया, जिसमें केजरीवाल मुख्य निर्णयकर्ता हैं.

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