कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को आज सुप्रीम कोर्ट से बडी राहत मिली है | मोदी सरनेम मामले में गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल को २ साल की सजा सुनाई थी, उस सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है | सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब राहुल गांधी की पार्लमेंट में वापसी का रास्ता साफ हो गया है |
आईये अब देखते है के ये पूरा मामला क्या है, और कैसे शुरू हुआ था ये सिलसिला
दरअसल इस मामले की शुरूआत २०१९ में हुयी | १३ एप्रिल २०१९ को राहुल गांधी कर्नाटक राज्य के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे | राहुल गांधी ने नीरव मोदी, ललित मोदी के भ्रष्टाचार पर टीप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप किए थे | इसे मुद्दे को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा था कृ, “ क्यो सभी चोरों का सरनेम मोदी होता है |
इसके बाद गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ धारा ४९९, ५०० के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया था |
23 मार्च को निचली अदालत ने क्या सजा सुनाई ?
चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार करते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी | लेकिन, दोषी ठहराने जाने के बाद जनप्रतिनिधि कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई |
7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने याचिका रद्द की
मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया | राहुल गांधी की ओर से सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को भी सुप्रीम खारिज कर दिया |
हाईकोर्ट ने राहुल गांघी की याचिका खारिज करते समय क्या कहा ?
- हाईकोर्ट के जज जस्टिस हेमंत पृच्छक की बेंच याचिका खारिज करते हुए कहा, राहुल गांधी बिल्कुल अस्तित्वहीन आधार पर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं |
- दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं दिया गया |
- अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है, बल्कि एक अपवाद है |
- सजा पर रोक न लगाना राहुल गांधी के साथ अन्याय नहीं होगा |