सीएम योगी के दुलार से निहाल हुए गोवंश, गोरखनाथ मंदिर से रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने गोवंश को अपने हाथों से खिलाया गुड़-चना*
गोरखनाथ मंदिर में आज प्रातः भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने गोशाला में गाय, बछड़े , बैल नंदी और भोले को गुड़ खिलाया उनका हालचाल लिया।
स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, गोरखपुर: शारदीय नवरात्र व विजयदशमी पर्व पर पारंपरिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए रविवार शाम से गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह जयपुर रवाना हो गए। गुरुवार को जयपुर में स्मृतिशेष पंचखंड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र की श्रद्धांजलि सभा व उनके उत्तराधिकारी की चादरपोशी के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए जाने से पूर्व उन्होंने गोरखनाथ मंदिर की गौशाला में गोसेवा की। गाय, बैल, बछडों को उनके नाम से (नंदी, भोले, गौरी, श्यामा आदि) बुलाया और दुलारकर अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया। सीएम योगी के स्नेहिल सानिध्य में ये गोवंश भाव विह्वल और निहाल दिखे।
गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेका। इसके बाद मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गौशाला पहुंचे। गायों, बैलों और बछड़े को एक-एक कर उनके नाम से पुकारा। योगी की आवाज पर गोवंश झूमते हुए उनके पास चले आए। सीएम ने उन्हें अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया, उनके मुख को प्यार से सहलाया। योगी कुछ देर तक उन्हें दुलारते हुए बात भी करते रहे। गोवंश भी उनके पास ऐसे मगन रहे मानो उनकी सारी बात को समझ रहे हों।
इससे पहले बुधवार सुबह भी मुख्यमंत्री ने गोसेवा की थी। साथ ही अपने प्रिय श्वान कालू व गुल्लू को दुलारा था। गुल्लू को दुलारते समय गोवा से परिवार के साथ विजयदशमी मनाने गोरखनाथ मंदिर आई चार साल की मासूम दिव्यांशी को सीएम ने अपने पास बुलाया। उसके स्नेह व आशीर्वाद देते हुए उसके मासूम सवालों का भी जवाब दिया। 'योगी बाबा' से मिलकर और उनसे हुए आत्मीय संवाद से दिव्यांशी की खुशी का ठिकाना नहीं था।