नारायण राणे की वजह से रुकी मोदी और उद्धव ठाकरे की बातचीत? दीपक केसरकर का रहस्योद्घाटन
मुंबई: शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही सरकार छोड़ने की तैयारी कर ली थी। दीपक केसरकर ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गठबंधन की बातचीत हुई और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए भी तैयार थे। लेकिन इस बीच भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया और भाजपा ने वार्ता रोक दी थी। इतना ही नहीं दीपक केसरकर ने यह भी दावा किया है कि उसके बाद बीजेपी ने नारायण राणे को केंद्रीय मंत्री का पद दिया और उसके बाद उद्धव ठाकरे ने गठबंधन की बातचीत भी रोक दी। साथ ही शिंदे गुट के प्रवक्ता और विधायक दीपक केसरकर ने यह भी दावा किया कि विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे को दरकिनार किए जाने पर उद्धव ठाकरे ने अन्य विधायकों और भाजपा के साथ सुलह का रास्ता दिखाया था।
शिवसेना में काफी समय से रहने वाले पार्टी में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण अलग होने पर दीपक केसरकर भी शिवसेना छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो गए। शिंदे गुट का प्रवक्ता बनने के बाद दीपक केसरकर कई अहम राज सामने लाने का प्रयास कर रहे है। भाजपा के अश्वमेध को किसी राज्य में किसी राजनेता ने नहीं पकड़ा भाजपा का अश्वमेध पकड़ा गया तो महाराष्ट्र में जिसमें अहम रोल शिवसेना ने निभाया। इसका खामियाजा शिवसेना को तय था भुगतना एक उंची साजिश थी ढाई साल तक तो सभी खुश थे लेकिन अचानक एकाएक हिंदुत्व का राग बागी अलापने लग गए। पार्टी के विद्रोह का कारण यह बताया गया हिंदुत्व, विधायकों ने आरोप लगाया कि फंड नहीं मिलता,सहयोगियों भरपूर फंड मिल रहा है, मुख्यमंत्री किसी से मिलते ही नहीं है, कोई कुछ तो कोई कुछ लेकिन पीछे का कारण क्या है? इसके पीछे हिंदुत्व तो नहीं है केसरकर साहब !!