महाराष्ट्र की सियासत का खेल फडणवीस के डिमोशन से हुआ खत्म, क्या बीजेपी केंद्रीय नेताओं ने कहा मुख्यमंत्री नहीं उपमुख्यमंत्री बनों!! क्यों देवेंद्र फडणवीस का "कतरा गया पर"!!

सत्ता में आए समझ नहीं पाए महाराष्ट्र के बाजीगर, क्यों दिल्ली बना रही देवेंद्र दूरी!!

Update: 2022-06-30 16:25 GMT

मुंबई: यह दृढ़ विश्वास था कि राज्य में सत्ता के नाटक का अंतिम मुद्दा उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ होगा और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे और एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करेगे। किस तरह से महाराष्ट्र बीजेपी के सुर थे इससे यह साफ लग रहा था। सागर बंगलों से एकनाथ शिंदे के देवेंद्र फडणवीस राजभवन खुद गए राज्यपाल ने दोनों को पेड़ा खिलाया नई सरकार के लिए बधाई दी। आखिर ऐसा क्या हुआ कि बाजीगर की बाजी पलट गई


कुछ ही मिनट पहले, देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकार परिषद ली जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी। पत्रकार परिषद में उन्होंने एकनाथ शिंदे के नाम की मुख्यमंत्री पद के लिए घोषणा कर दी और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को भाजपा बाहर से समर्थन करेगी। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस समाप्त कर दोनों नेता फिर सागर बंगलो आए अमित शाह जेपी नड्डा को फोन आया और देवेंद्र फडणवीस को कहा गया कि सरकार बाहर नहीं अंदर रहोगें। अमित शाह द्वारा उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने का आदेश दिया गया और फडणवीस को इस आदेश पर ्मल करने जैसा कोई पर्याय नहीं था। सरकार में शामिल होना पडा एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन देवेंद्र फडणवीस की बॉडी लैंग्वेज बेहद निराशाजनक नजर आई। क्योंकि इस शपथ ग्रहण समारोह से चंद मिनटों में ही देखने में आ रहा है कि बीजेपी में काफी कुछ हो चुका है।




 

एकनाथ शिंदे के साथ प्रेस वार्ता करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने प्रदेश की जनता को बड़ा झटका दिया कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा लेकिन वह सरकार में शामिल नहीं होंगे। एकनाथ शिंदे इसके बीजेपी के शीर्ष नेताओं का आभार प्रकट किया फडणवीस ने यह भी कहा कि भाजपा का लक्ष्य बालासाहेब ठाकरे को शिवसैनिक मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित करना है। उसके बाद राजभवन में एकनाथ शिंदे के अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी शुरू हो जाएगी। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह से कुछ ही मिनट पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि देवेंद्र फडणवीस को सरकार में शामिल होना चाहिए। उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि देवेंद्र फडणवीस ने जेपी नड्डा की मांग मान ली है।


जानकार बताते है देवेंद्र फडणवीस को खुद पर कॉन्फिडेंस हो गया था कि महाराष्ट्र की राजनीति वो बेहतरीन बाजीगार साबित हो रहे है। महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों को देवेंद्र फडणवीस की वजह से जीत हासिल हुई। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भी उन्होंने महाविकास आघाडी के दिग्गज संयोजक शरद पवार को मात दी, उसी रात देवेंद्र ने दूसरी बाजीगर ने दूसरी बाजी खेली सरकार अल्पमत में आ गई सरकार को बचाने का बहुत प्रयास हुआ मान मनौवल का प्रस्ताव रखा गया लेकिन देवेंद्र के जादू और महाराष्ट्र के बाजीगर पर शिवसेना बागी गुट को भी भरोसा था।


पहले महाविकास आघाडी से शिवसेना को निकालने और साथ में लाने की कवायद की गई जो नाकामयाब हुए तो केंद्रीय बीजेपी नेताओं से चर्चा कर महाराष्ट्र में शिंदे गुट के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव लेकर दिल्ली तीन से चार बार गए कल तक मुख्यमंत्री बनने वाला आखिर कैसे उपमुख्यमंत्री बना दिया गया यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है। राजनीति में सत्ता संघर्ष के बीच बहुमत जुटाना जीतना बाजीगर होता है लेकिन सरकार को किसी साजिश के तहत गिराना यह धोखाधड़ी है। राज्यसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के असली हकदार और बाजीगर देवेंद्र फडणवीस ही है इसमें कोई दो राय नहीं। लेकिन दिल्ली ने उनसे दूरी क्यों बनाई जबकि वो दिल्ली में सबके नजदीक जा रहे थे।

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