स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, लखनऊ: मरीज के साथ डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सभी अस्पतालों में हाईटेक मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री स्थापित की जा रही है। कई अस्पतालों में इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से लॉन्ड्री को बेहतर बनाया जा रहा है। 169 जिला अस्पताल व 35 एमसीएच विंग में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री स्थापित होगी, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के 169 जिला अस्पतालों में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री स्थापित करने की मंजूरी मिल चुकी है। इन्हें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अलावा 35 एमसीएच (मैटरनिटी एंड चिल्ड्रन हेल्थ) विंग में भी आधुनिक सुविधाओं और मशीनों से लैस लॉन्ड्री स्थापित की जा रही है। अभी तक प्रदेश के 44 जिला अस्पताल व सात एमसीएच विंग में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री का संचालन हो रहा है। जबकि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मैनुअल क्लीनिंग एवं लॉन्ड्री की सुविधा को दुरुस्त किया गया है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि हाईटैक लॉन्ड्री से बेडशीट, तकिए का कवर आदि की ठीक से सफाई हो सकेगी। क्योंकि अस्पताल में तमाम तरह की गंभीर बीमारियों के साथ मरीज आते हैं। खून समेत दूसरे द्रव्य का रिसाव होता है। जो बिस्तर व अस्पताल से मरीज को मिलने वाले कपड़ों में लग जाता है। लिहाजा इसकी सफाई व विसंक्रमित करने का काम और बेहतर किया जा रहा है।
डॉक्टरों के एप्रिन होंगे लकदक
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि डॉक्टरों के एप्रिन आदि भी लॉन्ड्री में धोए जाएंगे। ऑपरेशन के दौरान भी डॉक्टर व स्टाफ खास तरह के एप्रिन पहनते हैं। उसकी सफाई भी मशीन से होगी। ताकि किसी भी तरह के बैक्टीरिया या वायरस के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को इलाज के साथ संक्रमण से बचाना प्राथमिकता है।