समृद्धि हाईवे दुर्घटना मामला, ईडी सरकार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करे:- नाना पटोले

समृद्धि हाईवे का स्वतंत्र ऑडिट करें और सभी कमियों को दूर करें​, ​54 हजार करोड़ रुपए की लागत से बना लोगों की मौत का हाईवे।

Update: 2023-07-01 23:33 GMT

स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र /मुंबई- प्रधानमंत्री ने ईडी सरकार के बुलावे पर बड़ी धूमधाम से नागपुर-मुंबई समृद्धि राजमार्ग का जल्दबाजी में उद्घाटन किया था। इस हाईवे के खुलने के बाद से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस हाईवे को लेकर कई शिकायतें हैं, लेकिन शिंदे- फडणवीस सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। बुलढाणा के पास एक निजी बस दुर्घटना में 26 लोगों की मौत, यह कोई हादसा नहीं बल्कि वे सभी लोग सरकारी उदासीनता और लापरवाही का शिकार हुए हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि 26 लोगों की मौत के लिए शिंदे -फडणवीस सरकार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

पटोले ने कहा कि समृद्धि हाईवे पर भीषण दुर्घटना में 26 लोगों की मृत्यु की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं हृदयविदारक है। उन्होंने हादसे के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस हाईवे पर 54,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, लेकिन लोगों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। ईडी सरकार यह ढिंढोरा पीटती रहती है कि उसने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन इस राजमार्ग के खुलने के बाद से पिछले छह महीनों में लगभग 300 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हर दुर्घटना में किसी न किसी की मौत हो जाती है। बुलढाणा में शनिवार की रात को हुआ हादसा बहुत भयानक था, इसमें 26 लोगों की मौत हो गई।



 

इससे पता चलता है कि इस हादसे की गंभीरता कितनी भयानक है। समृद्धि राजमार्ग ने कुछ लोगों के लिए समृद्धि ला दी है लेकिन यह राजमार्ग कई लोगों के लिए मौत का हाईवे बन गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस राजमार्ग पर सुरक्षा की दृष्टि से बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस सड़क का विशेष ऑडिट कराए ताकि महामार्ग को सुरक्षित बनाया जा सके। लेकिन शिंदे- फडणवीस सरकार प्रचार के माध्यम से श्रेय लेने में ही मस्त है।​ ​कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समृद्धि हाईवे के डिजाइन के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को हजारों करोड़ रुपये दिए गए हैं। लेकिन हादसों की संख्या को देखकर ऐसा लगता है कि सड़कों के निर्माण में ज्यादा सावधानी नहीं बरती गई है।

यहां राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और एक्सप्रेसवे के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं किया जाता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क सम्मोहन दुर्घटनाओं का कारण बनता है, लेकिन कुछ नहीं किया गया है। सड़क पर एक निश्चित दूरी पर भोजन, चाय और पानी उपलब्ध कराने के लिए कोई होटल और शौचालय नहीं हैं। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानी होती है और सड़क पर सम्मोहन की घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार का दावा है कि इस हाईवे पर दुर्घटनाएं अन्य हाईवे की तुलना में कम है। लेकिन मूल रूप से ईडी सरकार अपनी गलती मानने के लिए तैयार नहीं है। वे इस बात में डूबे हुए हैं कि हमने एक हाईवे बनाया है. जिसके माध्यम से मात्र 12 घंटे में नागपुर से मुंबई का सफ़र तय किया जा सकता है। पटोले ने कहा कि अब भी सरकार को अपनी आंखें खोलनी चाहिए और समृद्धि हाईवे पर हादसों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम सरकार से मानसून सत्र में इस सवाल का जवाब मांगने जा रहे हैं, लेकिन ईडी सरकार को भी गंभीरता दिखाते हुए इस हादसे से सबक लेकर तुरंत उपाय योजना तैयार करनी चाहिए ।

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