नेहरु मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने पर कांग्रेस नेताओ का घेराव
अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर पीएम म्यूजम एंड सोसायटी कर दिया है | जिसके बाद पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना शुरु कर दिया |
ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर चीफ के जाने के बाद 1948 मे तीन मूर्ती भवन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का आधिकारिक आवास बन गया था | पंडित जवाहर लाल नेहरु यहॉ करीब 16 सालों तक रहे और उन्होने अपनी आखिरी सांसे भी ली | इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरु मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है | लेकिन , अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर पीएम म्यूजम एंड सोसायटी कर दिया है | जिसके बाद पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना शुरु कर दिया | और फिर बाद मे राहुल गांधी जब दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुचे थे | तब पत्रकारों ने उन्हे नेहरु मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय के नाम बदलने पर सवाल किया | जिस दौरान राहुल गांधी ने कहा , कि नेहरु जी की पहचान उनके कर्म (काम) से है , उनके नाम से नही |
तो वही , कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी नेहरु मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने पर सरकार का घेराव किया और कहा यह नाम इसलिए नही बदला गया है , कि दुसरे प्रधानमंत्री का काम दिखाना चाहते है , बल्कि वह नेहरु जी का नाम दबाना चाहते है |
आप को बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था , कि तीन मूर्ति भवन के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए। साल 2022 में प्रधानमंत्रियों को समर्पित ये संग्रहालय बनकर तैयार हुआ था । जिसके बाद इसे जुलाई 2022 में जनता के लिए खोल दिया गया । सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित ये संग्रहालय होने के कारण कार्यकारी परिषद ने इसे महसूस किया कि इसका नाम में वर्तमान स्वरूप झलक दिखनी चाहिए। इसलिए बीते जून की बैठक में इस संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला हुआ।