नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। 10 अगस्त से वे दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रणब ने 10 तारीख को ही खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की बात भी कही थी।
राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने जताया शोक
पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
क्लर्क रहे, कॉलेज में भी पढ़ाया
प्रणब का जन्म पश्चिम बंगाल के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे।
प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी की तारीफ की थी
प्रणब ने कहा था कि मोदी के काम करने का अपना तरीका है। हमें इसके लिए उन्हें क्रेडिट देना चाहिए कि उन्होंने किस तरह से चीजों को जल्दी सीखा है। चरण सिंह से लेकर चंद्रशेखर तक प्रधानमंत्रियों को काफी कम वक्त काम करने का मौका मिला। इन लोगों के पास पार्लियामेंट का अच्छा-खासा एक्सपीरियंस था, एक शख्स सीधे स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन से आता है और यहां आकर केंद्र सरकार का हेड बन जाता है।वह दूसरे देशों से रिश्तों और एक्सटर्नल इकोनॉमी में महारत हासिल करता है।