मैक्स महाराष्ट्र की बुलंद आवाज को प्रतिसाद, बीएमसी में बड़े घोटाले की मुंबई पुलिस करेंगी जांच
एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि मुंबई महानगर पालिका में सफाई कर्मचारियों के वेतन से साहूकारों द्वारा दिए गए ऋण के नाम पर पैसे काटे जा रहे हैं। लेकिन कर्मचारियों की इस शिकायत को दो साल तक अनसुना कर दिया गया, आखिरकार मैक्स महाराष्ट्र के प्रतिनिधि प्रसन्नजीत जाधव द्वारा सीधे संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील के सामने मामले को संज्ञान में लाया। जिनके सारे कागजात संयुक्त पुलिस आयुक्त को सौंप दिए गए है अब जल्द ही मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाने वाली है।
मुंबई: महानगर पालिका के 85 सफाई कर्मचारियों के वेतन से कर्ज के नाम पर कर्जदाताओं का कर्ज चुकाने के लिए हर महीने पैसे काटे जा रहे हैं। हालांकि साहूकार के कर्ज में फंसे इन मजदूरों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ ठगी की गई है। इन कर्मचारियों ने सवाल उठाया है कि जो कर्ज हमने लिया ही नहीं उसकी किस्त हमारे वेतन से क्यों काटी जा रही हैं।
मामला क्या है?
कुर्ला एल वार्ड में 85 सफाईकर्मियों ने निजी साहूकारों से ऋण लिया, और साहूकारों ने कर्ज वसूव करन के पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। साथ ही मुंबई महानगरपालिका के अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश से उनके वेतन से पैसे काटे जा रहे हैं। सफाईकर्मियों को हाईकोर्ट की किस्तों के भुगतान का लिखित नोटिस भी दिखाया गया।
तत्पश्चात संबंधित सफाई कर्मियों के मासिक वेतन से 15 प्रतिशत ब्याज सहित किस्तों की कटौती की जाने लगी। लेकिन ये सफाई कर्मचारी ठगे जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस के पास पहुंचे और पूछा कि उन्होंने जो कर्ज नहीं लिया, उसकी किस्त क्यों चुकाएं। कर्मचारियों का आरोप है कि जब विनोबा भावे पुलिस स्टेशन गए तो उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने कोई शिकायत नहीं की तो सफाईकर्मी 3 साल से अपने मासिक बकाया का भुगतान कर रहे हैं। मुंबई के पंतनगर विभाग में रहने वाले सफाईकर्मी सचिन बच्छाव ने दो साल तक पंतनगर पुलिस स्टेशन में कर्जदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी। लेकिन सचिन बच्छाव का आरोप है कि पंतनगर पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर नितिन सोनकांबले ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया था।
मैक्स महाराष्ट्र के प्रतिनिधि प्रसन्नजीत जाधव ने सहायक पुलिस निरीक्षक नितिन सोनकांबले से पूछा कि बीएमसी अधिकारी के दुर्व्यवहार और माफी के बाद सचिन बचाओ की शिकायत को क्यों नहीं दर्ज की गई क्या अड़चन थी इसको लेकर फोन पर बात की तो सोनकांबले ने पहले सुना फिर अरे तुरे की अभद्र भाषा में बात करते हुए की गाली गलौज पर उतर आए। प्रसन्नजीत जाधव ने उस पुलिस अधिकारी के इस रवैये को लेकर सीधे मुंबई के संयुक्त आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटील से मुलाकात की और उन्हें पूरा मामला समझाया।
पुलिस अधिकारी की गाली गलौज के बाद माफीनामा
जिसके बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त, विश्वास नांगरे पाटील ने मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने यह भी पूछा कि सचिन बच्छाव की शिकायत क्यों नहीं ली गई और एक पत्रकार का अपमान करने के मामले में सोनकांबले के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए। इसके बाद विनोबा भावे पुलिस स्टेशन और पंतनगर पुलिस स्टेशन को विश्वास नांगरे पाटील ने सफाईकर्मियों की शिकायत दर्ज कर सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। इस बीच पुलिस सहायक पुलिस निरीक्षक सोनकांबले ने प्रसन्नजीत जाधव को फोन कर माफी मांगी।
इस प्रकरण में बड़े रैकेट की संभावना
विश्वास नांगरे पाटील ने इस मामले में बड़े रैकेट की आशंका जताई है। विश्वास नांगरे पाटील ने विश्वास व्यक्त किया है कि जिन लोगों से कर्ज की वसूली की जानी है, उनके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की जाती हैं, लेकिन उन लोगों को अदालत में तलब भी नहीं किया जाता है। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में मुंबई महानगरपालिका के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। अगर जांच में कुछ सामने आता है तो इन अधिकारियों से भी पूछताछ संभव है की जाएगी।