मुंबई। Elgar Parishad Case में माओवादियों से रिश्ते के मामले में गिरफ्तार 83 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर Stan Swamy को मुंबई की एक विशेष NIAअदालत ने 23 अक्टूबर तक के लिये शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार शाम रांची स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. उन्हें शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें Judicial Custody में भेज दिया. जांच एजेंसी ने उनकी हिरासत नहीं मांगी. स्वामी से पुणे पुलिस और एनआईए पहले दो बार पूछताछ कर चुकी है. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक स्वामी के प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से कथित संबंधों को लेकर गिरफ्तार किया गया. इस मामले में गिरफ्तार किये गये वह 16वें व्यक्ति हैं. आरोपियों पर आईपीसी और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि स्वामी ने एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिये एक सहयोगी के मार्फत धन भी प्राप्त किया था. अधिकारियों ने दावा किया कि इसके अलावा वह भाकपा (माओवादी) के मुखौटा संगठन 'परसेक्युटेड प्रीजनर्स सोलीडैरिटी कमेटी' के संयोजक भी हैं. स्वामी के पास से भाकपा (माओवादी) से जुड़े साहित्य, दुष्प्रचार सामग्री तथा संचार से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे जो समूह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिये थे.पुणे के पास Bhima Koregaon में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी. इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिये गये थे. जांच में यह स्थापित हुआ है कि स्वामी माओवादी गतिविधियों में संलिप्त थे. एनआईए ने आरोप लगाया है कि वह समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, अरुण फरेरा, वर्णन गोंजाल्वेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बदे के संपर्क में थे. इन पर पहले से आरोप हैं।