किसानों को सरकार से मदद की उम्मीद लेकिन सत्ताधारी विधायकों के धक्का-मुक्की से हुए निराश- बालासाहेब थोरात

विपक्ष को विरोध का अधिकार, विधान भवन में सत्ताधारी विधायकों का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण;

Update: 2022-08-24 16:49 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र के किसानों को उम्मीद थी कि राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में उनकी मदद को लेकर अहम घोषणा की जाएगी लेकिन शिंदे - फडणवीस सरकार के रवैए से उन्हें निराशा हुई है। यह बात कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने कही है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद से 150 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. औसतन 3 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री किसानों से भावनात्मक अपील कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी विधायक विपक्ष के विधायकों के साथ धक्का मुक्की कर रहे हैं। थोरात ने कहा कि सत्ताधारी विधायकों के व्यवहार से किसानों को काफी निराशा हुई है।  उन्होंने कड़े अंदाज में कहा कि सरकार के इस रवैए से किसानों के बीच अवसाद बढ़ेगा और उनकी उम्मीदें टूटेंगी।  



बालासाहेब थोरात ने कहा कि विरोध करना विपक्षी दलों का अधिकार है लेकिन अब सत्ता पक्ष खुद विरोध कर रहा है। किसानों का मनोबल बढ़ाना सत्ताधारी दल की जिम्मेदारी है। थोरात ने कहा कि विपक्षी दल होने के कारण यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसानों के साथ आम जनता के सवालों को उठाए लेकिन इन सवालों को सुनने की जगह विपक्षी दलों के सदस्यों  के साथ  धक्का मुक्की की जा रही है। यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ताधारी दल अपनी आलोचना भी  बर्दाश्त नहीं कर सकता है।  




 


बालासाहेब थोरात ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद से राज्य में 150 किसानों ने आत्महत्या की है। हर दिन 3 आत्महत्या हो रही हैं। मंगलवार को मंत्रालय के पास एक किसान ने खुद को आग लगा ली और दूसरे ने एक इमारत पर चढ़कर आत्महत्या करने की कोशिश की। ये ऐसी घटनाएं हैं जो किसानों की निराश मानसिकता को दर्शाती हैं, लेकिन सरकार उनके लिए कोई निर्णय या घोषणा नहीं कर रही है। थोरात ने कहा कि मैं 38 साल से इस सदन का सदस्य हूं। मैंने कई बार विपक्ष को  विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठ कर प्रदर्शन करते हुए देखा है लेकिन इस तरह का धक्का-मुक्की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ। थोरात ने यह भी कहा कि किसानों को मदद की घोषणा करने के बजाय सत्ता पक्ष ने जिस तरह से किया है वह सही नहीं है।  उन्होंने कहा कि सभी दलों को इस पर बैठकर सोचना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।

महाराष्ट्र की परंपरा को धक्का

थोरात ने कहा कि आज जो हुआ उसके लिए माफी मांगने के बजाय सत्ता पक्ष के कुछ विधायक कह रहे हैं कि हमने जो किया है वह सही और आगे भी ऐसा करते रहेंगे। यह लोकतंत्र को शोभा नहीं देता है।  महाराष्ट्र की अपनी एक गौरवशाली परंपरा है लेकिन विधान सभा में जो घटना हुई है, उससे एक बड़ा धक्का लगा । इस घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए।

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