ईटानगर - पूर्वोत्तर के सबसे सुंदर राज्य अरूणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में स्वच्छता को लेकर कडे प्रयास किये गये है | प्रदेश में घनकचडे को अलग कर उसे उचित तरीके से ट्रान्सपोर्ट कर डंपिग ग्राऊंड तक लाया जाता है | खासतौर पर अरूणाचल के शहरी क्षेत्र में घनकचडे को इसतरह से अलग किया जाता है | प्रदेश के तत्कालीन नगरनियोजन सचिव एस के जैन (SK Jain IAS) द्वारा इस योजना को तैयार किया गया है, जो अरूणाचल के भविष्य के लिए असरदार साबित होगा |
घनकचडे को ऐसे किया अलग
घर से निकलनेवाले घनकचडे को अलग करना सबसे जरूरी होता है | उसके बाद गिले और सुखे कचडे को अलग कर अलग-अलग डस्टबिन में डालना जरूरी होता है | डस्टबिन में कचडा डालने के बाद उसे इसतरह से नष्ट किया जाता है के जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो | इसका भी ध्यान घनकचडे के इस नियोजन में किया गया था |
अरूणाचल बनेगा देश का पहला प्लास्टिक मुक्त राज्य
प्लास्टिकयुक्त कचडे की समस्या वैश्विक है | इसी प्लास्टिक की वजह से हमारी पहाडियों से बहती सुंदर नदियां, शहर और गाव प्रदुषित होते है | लेकिन अरूणाचल के नगरनियोजन सचिव एस के जैन (SK Jain IAS) ने इस संदर्भ में एक नोटिफिकेशन जारी किया था | खुले में फेंके जानेवाला प्लास्टिक सबसे खतरनाक होता है, पर्यावरण को प्रदुषित करता है, प्लास्टिक जानवरों के लिए भी खतरनाक होता है, खासतौर पर शहरी क्षेत्र में गाय इसे खाती है | अरूणाचल के इतिहास में पहली बार इसतरह प्लास्टिक के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने का काम तत्कालीन नगरनियोजन विभाग के सचिव एस के जैन (SK Jain IAS) ने किया है | इस निर्णय के अच्छे परिणाम अरूणाचल को लंबे समय तक मिलते रहेंगे | इस निर्णय का सक्षम तरीके से पालन किये जानेपर आनेवाले कुछ समय में अरूणाचल प्रदेश पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त राज्य बनेगा |
जमिनीस्तर पर अंमल
प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधीयोंद्वारा अच्छी योजनायें बनायी जाती है | लेकिन अगर उसका जमिनीस्तर पर ठीक तरह से अंमल नहीं हुआ तो योजनायें फ्लॉप भी हो जाती है | इसी बात को ध्यान में रखते हुये अरूणाचल सरकार ने तत्कालीन नगरनियोजन विभाग के सचिव एस के जैन (SK Jain IAS) की अध्यक्षता में राज्यस्तर पर सलाहकार समिती का गठन किया | इस समिती में विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधी और पर्यावरण के संदर्भ में काम करनेवाले एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया | इस तरह की समिती गठित होने से जमिनीस्तर पर योजना का अंमल अच्छी तरह से किया जायेगा | इस सलाहकार समिती द्वारा दिये गये सुझाव जल्द ही लागू किये जायेंगे जिसके बाद नगरनिगम कों घरोंसे कचडा इकठ्ठा कर उसे डस्टबिन में डालकर उसे डंपिंग ग्राऊंड ले जाकर शास्त्रशुद्ध तरीके से नष्ट भी किया जायेगा | ऐसा करने से पर्यावरण का भी नुकसान नहीं होगा और घनकचडे की समस्या से सभी को छुटकारा मिलेगा |