औरंगाबाद: आंबेडकर संघर्ष समिती ने औरंगाबाद शहर में भूख हड़ताल पर बैठ गई थी। भूख हड़ताल पर बैठने वाले लोगों का कहना है कि, 31 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समय सीमा का पालन किए बिना यहां पर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के आयोजन के लिए विधायक संजय शिरसाट और उनके समर्थकों ने साउंड सिस्टम का इस्तेमाल किया था रात में जो नहीं होना चाहिए। एक अगस्त को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके आयोजकों के खिलाफ कोकणवाडी में 11:30 बजे से 12:30 बजे तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों व अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए विधिवत लिखित शिकायत दर्ज की गई थी।
1 अगस्त को क्रांति चौक पर भूख हड़ताल करने वालों ने शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, सामाजिक कार्यकर्ता आनंद कस्तूरे और मनोज वाहुल ने रविवार से औरंगाबाद पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसको देखते ही पुलिस प्रशासन हरकत मे आ गया पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से मुलाकात कर उन्हें उनकी मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और फिर से एक लिखित शिकायत ली जिसके चलते जारी हड़ताल स्थगित कर दी गई। आंबेडकर संघर्ष समिती औरंगाबाद के दो पुलिस स्टेशनों इसको लेकर शिकायत की थी लेकिन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बुधवार तक कोई मामला दर्ज नहीं होता तो फिर से आंदोलन करने की आंबेडकर संघर्ष समिती ने घोषणा की है।
भूख हड़ताल करने वालों का कहना है कि अगर उनकी शिकायत पर पुलिस द्वारा जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो यह तो भूख हड़ताल से शुरुआत था, आने वाले दिनों इसके लिए शहर भर में उग्र धरना प्रदर्शन किया जाएगां।आंबेडकर संघर्ष समिती के लोगों का कहना है कि कानून सभी के लिए समान है कोई कितना भी बडा क्यों ना हो वो कानून से बड़ा नहीं हो सकता अगर किसी ने कोई अपराध किया है तो मामला दर्ज हो उसका जांच की जाए उसे गिरफ्तार किया जाए।
मनोज वाहुळ, आंबेडकर संघर्ष समिती
आनंद कस्तुरे आंबेडकर संघर्ष समिती