वर्धा: जिले के आर्वी तालुका के खुबगाव खेत में आसोलकर बंधुओं द्वारा कई वर्षों से मुर्गी पालन में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र की पहली ही बरसात के पानी के चलते आसोलकर बंधुओं को लाखों का नुकसान उठाना पड़ गया है। उनके पोल्ट्री फार्म में कुल 5,300 मुर्गियां थीं। इसमें से अचानक 4,500 मुर्गियों की मौत को देख किसान काफी सदमे है। आर्वी तालुका में कल रात से हो रही भारी बारिश से कई लोग प्रभावित हुए हैं। भारी आर्थिक नुकसान ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।
आर्वी तालुका में विगत कई वर्षों से हेमंत आसोलकर और गजानन आसोलकर का पोल्ट्री फार्म चला रहे है।अब तक बरसाती पानी के कारण उनके पोल्ट्री फार्म में पानी घुसने के कारण 4500 मुर्गियां मर चुकी हैं। इस किसान आसोलकर बंधुओं को दस से बारह लाख का नुकसान हुआ है। जैसे तैसे कर के पोल्ट्री फार्म चलाने वाले इन लोगों ने पहले भी बैंक से लोन और ब्याज से पैसे लेकर इन किसानों अपने पोल्टी फर्म को बताया था जो बरसात में पूरी तरह से बर्बाद हो गया।
नुकसान से सरकार से गुजारत लगता यह किसान देखे क्या लगा रहा गुहार
महाराष्ट्र में एक आसोलकर बंधुओं की दास्तान नहीं कर्ज से खेती और कोई भी व्यवसाय शुरू करने वाले किसानों को ब्याज पर और बैंक से लोन लेकर ही काम करना पडता है। बरसात या अन्य कारणों से इन किसानों को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार की राहत के नाम पर उनके मुआवजे की रकम जो मिलनी चाहिए वह रेवडी के समान मिलती है। सरकार मदद मिलते मिलते कई महीनों लग जाते पहले पंचनामा होता कुछ दिनों बाद सारे पत्राचार की प्रक्रिया को पूरा कराया जाता है। जो सरकारी मुआवजा मिलता न तो उससे घर चला सके और न ही कर्ज चुका सके। इसलिए किसान को जब कुछ नहीं मिलता तो अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेता महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का मामला हर राज्यों से ज्यादा है। कारण क्या किसानों को मिलने वाली रकम और सही मदद का न होना।