पश्चिम बंगाल में ED के अधिकारियो पर हुआ जानलेवा हमला ,इंडिया गठबंधन में पड़ी फुट

Deadly attack on ED officers in West Bengal, India alliance in trouble

Update: 2024-01-06 12:49 GMT

पक्षिम बंगाल में राशन घोटाला मामले को लेकर तृणमूल विधायक शाहजहा शैख़ के ठिकाने पर ED रैड डालने गई थी, जहा करीब 200 से 300 लोगो की भीड़ ने ED अधिकारियो पर हमला कर दिया, जिन्हे सर में गंभीर चोटे आई है , वैसे आप इन तस्वीरों में देख कर अंदाजा लगा सकते है, जिस प्रकार से गाड़ियों के सिशे टूटे है ,उससे पता चलता है की हमला कितना घातक रहा होगा , पक्षिम बंगाल में ED अधिकारियो पर हुए जानलेवा हमले से बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे। भाजपा टीएमसी पर हमलावर है,केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा बंगाल में लोकतंत्र नहीं वहा किम जोंग उन की सरकार है, पक्षिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी ने आरोप लगाया की भीड़ में अवैध रोहिंग्या शामिल थे , इस मामले पर कांग्रेस भी आक्रामक दिखी, कांग्रेस नेता अधिरंजन चौधरी ने सरकार से मांग की है, की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागु होना चाहिए।

वही अब सवाल यह खड़ा होता है, की भारत की राजनीति कभी इतनी हिंशक तो नहीं थी ,जिस प्रकार से आज हो गई पहले भी ED ,CBI , IT यह तमाम जांच एजेंसियां नेताओ के खिलाफ कार्यवाई करती थी ,लेकिन जिस तरह से ED विपक्ष के नेताओ के खिलाफ ही कार्यवाई कर रही उससे जाँच एजेंसियो की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे है। जाँच एजेंसियां जिस प्रकार से इलेक्शन पूर्व सक्रिय हो जाती है ,और एकतरफा कार्यवाई करती है , उससे संदेह पैदा होना लाजमी है ,ऐसा नहीं है ,की सत्ताधरी पार्टी भाजपा के भीतर भ्रष्टाचारी नेता नहीं है ,भाजपा में भी करप्ट नेताओ की एक लंबी कतार है, पक्षिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेन्दु अधिकारी चर्चित शारदा नारदा घोटाला मामले में आरोपी थे, लेकिन भाजपा में शामिल होते ही ED ने सुवेन्दु अधिकारी के केस को ठंडे बास्ते में डाल दिया ,वही हाल ही में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने अजित पवार पर भी घोटाले के आरोप लगे ,पीएम मोदी ने तो अजित पवार का नाम लेकर भ्रष्टाचारी कहा था , लेकिन अजित पवार के भाजपा के साथ जाते ही ED ने इनके भी मामले पर विराम लगा दी , इससे ED की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होना जाहिर है ,आप को बतादे की पिछले महीने तमिलनाडु पुलिस ने ED अधिकारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था ।

वही ED ने इस दौर में करीब 5906 मामले दर्ज किये लेकिन 25 पर फैसला आया और केवल 24 लोगो को सजा मिली ,कहते है की हाथी के दांत खाने के ओर ,दिखाने के ओर ,वही इस आकड़े को देख कर ED की कार्य प्रणाली पर सवाल तो खड़े होंगे ही, जिस प्रकार से ED धड़ा-धड़ विपक्षी नेताओ के ठिकानो पर आए दिन रेड मारती है, उससे ED की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लाजमी है।

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