हनुमान चालीसा का पाठ करने पर छात्रों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना, एक्शन में शिवराज सरकार
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा, लेकिन सब जगह इसके विपरीत हो रहा है। वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक द्वितीय वर्ष में पढ़ने वाले 20 छात्रों पर गत मंगलवार को छात्रावास में हनुमान चालीसा का पाठ करने का आरोप, संस्थान ने छात्रों पर लगाया 5 हजार रुपये का जुर्माना!!
भोपाल: मध्य प्रदेश के वीआईटी भोपाल के एक निजी विश्वविद्यालय में कथित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए सात छात्रों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। पूरा मामला मीडिया में सामने आने के बाद प्रदेश की शिवराज सरकार सक्रिय हो गई है और कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पडी।
वहीं, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि उन्हें जुर्माना नहीं लगाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया जाएगा तो कहां हनुमान चालिसा पाठ किया जाएगा। हमने जिलाधिकारी को इस मामले में जांच करने और किसी भी छात्र पर कोई दंडात्मक कोई भी कार्रवाई न करने के लिए वीआईटी प्रशासन को कहा है।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "कोई जुर्माना नहीं होगा।" हमने उन्हें संदेश दिया है कि हनुमानचालीसा पढ़ने के लिए किसी बच्चों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए, बच्चों को समझाया जा सकता है। हिंदुस्तान में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया जाएगा तो कहां किया जाएगा? इस तरह विषय को प्रस्तुत करके किसी भी तरह की शिकायत आने पर उन पर दंडात्मक कार्रवाई उचित नहीं है। उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया, ध्वनि के कारण सुरक्षा गार्ड, और कुछ बच्चों ने भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) प्रशासन को इसकी शिकायत की। बच्चे और उनके माता-पिता बुलाए गए, उन बच्चों को समझाने के बजाय उन पर दंडात्मक कार्वाई की बात सामने आने पर मैंने कलेक्टर को गहन जांच के आदेश दिए हैं।'
क्या है पूरा मामला हनुमान चालीसा को लेकर
भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) में बीटेक के दूसरे वर्ष में पढ़ने वाले बीस छात्रों पर पिछले मंगलवार को एक छात्रावास में हनुमान चालीसा का पाठ करने का आरोप है। कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत की थी। बताया जाता है कि प्रबंधन की ओर से 7 छात्रों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. पूरा मामला सामने आने के बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय को जुर्माना नहीं लगाने का आदेश दिया.