अब आदित्य ठाकरे भी मोदी सरकार के रडार पर? केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट दिया निर्देश
पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे पर्रयावरण के मुद्दों को लेकर अक्सर होती है तारीफ होती थी, लेकिन अब उसी विभाग की विशेष रूप से केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट करने का निर्देश? आदित्य छाकरे के निष्ठा यात्रा शिव संवाद यात्रा से शायद केंद्र को महाराष्ट्र में भाजपा का तख्ता कमजोर होता दिख रहा है इसलिए क्या?
मुंबई: शिवसेना को हर तरह से झटके सहन करना पड रहा है लेकिन, इसके बाद भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के निष्ठा यात्रा और शिव संवाद यात्रा ने उसकी ओर मंडराने वाले काले बादलों को छांटने का प्रयास किया है। पार्टी से 40 विधायकों और 12 सांसदों के साथ सैकड़ों पार्षदों के जाने के बाद भी शिवसेना टस से मस नहीं हुई पार्टी में जाने वालों का सिलसिला रुका नहीं तो वहीं आने वालों का सिलसिला भी जोरो पर शुरू है। आदित्य ठाकरे की तूफानी यात्रा सत्ता परिवर्तन का रुख मोड़ती नजर आ रही है। सत्ता से दूर होने के डर पर क्या साम दाम दंड भेद की हर राजनीति शिवसेना पर ही अजमाई जा रही है। आखिर कोई नहीं क्यों केंद्र सरकार ने पहले महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट करने का दिया है निर्देश? की यह आदित्य ठाकरे के पास था?
एकनाथ शिंदे के विद्रोह ने शिवसेना ने पहले शिवसेना झटका दिया, ईडी ने अनिल परब, संजय राउत के ईडी समन से सदमे है 12 सांसदों के पार्टी से फुटकर शिंदे गुट में गए है। शिवसेना जो राजनीतिक अस्तित्व और पार्टी के अस्तित्व के लिए दोहरी लड़ाई लड़ रही है। शिवसेना के 40 विधायकों को अपने पक्ष में करने के बाद अब बीजेपी ने शिवसेना के शीर्ष नेताओं को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले शिवसेना सांसद संजय राउत को ईडी की ओर से समन मिला था। उन्हें अगले दो दिनों में पूछताछ के लिए पेश होना होगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक अब युवा सेना प्रमुख और पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे मोदी सरकार के रडार पर हैं. क्योंकि, अब मोदी सरकार पिछले ढाई साल के दौरान पर्यावरण मंत्री के रूप में आदित्य ठाकरे द्वारा लिए गए फैसलों और कार्यों का ऑडिट करवाने की बात सामने आ रही है।
आदित्य ठाकरे को लेकर इसको शिवसेना को बड़ा झटका लगने का अंदेशा माना जा रहा है। पर्यावरण मंत्री के तौर पर आदित्य ठाकरे के काम की अक्सर तारीफ होती थी, लेकिन अब अगर केंद्र सरकार इस सब की समीक्षा करती है तो देखना होगा कि इससे क्या निकलता है। केंद्र सरकार विशेष रूप से महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट करने जा रही है। ऐसे में अब महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों में चिंता का माहौल है। बोर्ड के प्रबंधन को लेकर कुछ नए सुझाव और उपाय हो तो अच्छा होगा, लेकिन कर्मचारियों और अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि बोर्ड बदनामी का मालिक न बने। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मामलों का ऑडिट भी शुरू कर दिया है। यह सेंट्रल ऑडिट मुंबई, ठाणे, पुणे, कोल्हापुर, नागपुर, चंद्रपुर, अमरावती, औरंगाबाद, नासिक, रायगढ़ आदि कार्यालयों में शुरू किया गया है। पहले चरण में मुख्यालय के साथ नागपुर कार्यालय भी शामिल है। विभागीय कार्यालयों में भी चरणबद्ध तरीके से ऑडिट करने के निर्देश लेखा प्रमुख को दिए गए हैं।
शिवसेना से एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद, आदित्य ठाकरे ने राज्य भर में शिवसेना की ओर लोगों के सुझाव और लोगों के समर्थन के लिए "निष्ठा यात्रा" और "शिव संवाद यात्रा" के माध्यम से राज्य के कई हिस्सों में शिव सैनिकों के साथ बातचीत और संवाद शुरू किया है। आदित्य ठाकरे ने निष्ठा यात्रा के दौरान मुंबई के कई शिवसेना के शाखाओं का दौरा किया, शिवसेना ने मुंबई में पार्टी की पुरी तरह किला बंदी निष्छा यात्रा से कर ली ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। मराठवाड़ा में आदित्य ठाकरे की शिव संवाद यात्रा चर्चा का विषय रही। "शिव संवाद यात्रा" के दौरान नासिक और औरंगाबाद में आदित्य ठाकरे के भाषणों को लोगों द्वारा लाखों की संख्या में खूब सराहा गया। इन सभाओं में आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे समूह के बागियों की कड़ी आलोचना की। आदित्य ठाकरे को विद्रोहियों द्वारा बार-बार गद्दार गद्दार' कहा जाता रहा है। आदित्य ठाकरे की सभाओं और रोड शो को भी सुपरहिट रिस्पांस मिल रहा इससे विरोधी और भाजपा दोनों भ्रमित है क्या?।