रेप की घटनाओं से गुस्‍से में देश, बेटियों को राक्षसों से बचाएं?

Update: 2020-10-01 14:28 GMT

यूपी के हाथरस में आधी रात को पीड़िता की चिता की राख ठंडी भी नही हुई थी कि आजमगढ़, बलरामपुर, बुलंदशहर, भोपाल, खरगोन, अजमेर, अलवर, बारां में रेप की घटनाएं सामने आने से देश के नागरिकों में गुस्से का माहौल है। एक रेप के सवालों के जवाब मिलते नहीं कि दूसरे सवाल खड़े हो जा रहे हैं। इसी बीच भदोही जिले से एक दलित किशोरी के साथ दरिंदंगी की खबर सामने आई है। जिले के गोपीगंज इलाके में एक 14 साल की दलित किशोरी की सिर कुचलकर नृशंस हत्या कर दी गई है। मामले में रेप की आशंका जताई जा रही है। मध्‍य प्रदेश के खरगोन में गैंग रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इन सबको लेकर सोशल मीडि‍या पर बवाल है। लाखों लोग इन घटनाओं की आलोचना कर रहे हैं। गुरुवार को सोशल मीडिया पर जमकर लोगों ने भड़ास निकाली।

सोशल मीडि‍या पर पुलिस पर उठे सवाल

महिलाएं और लड़कि‍यां अपनी सुरक्षा की बात कर रही हैं। इसी कड़ी में हाथरस दुष्‍कर्म मामले में विरोध करने पहुंचे राहुल गांधी के साथ पुलिस ने हाथापाई की। इसके बाद यहां हंगामा हो गया। सोशल मीडि‍या में उत्‍तर प्रदेश शासन और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडि‍या पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सबसे बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं। कई यूजर्स अपनी प्रति‍क्र‍ियाएं दे रहे हैं। हाथरस की रेप पीड़ि‍ता को रातोंरात जलाकर अंति‍म संस्‍कार कर देने पर भी सोशल मीडि‍या में गुस्‍सा है। इस मामले में सीधे पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। देश में रेप की बढ़ रही घटनाओं से लोग आहत है।

देर से मिला न्याय, न्याय नहीं होता


हम सबको पता है कि निर्भया मामले में जब देशव्यापी आवाज उठी तो न्याय मिलकर ही रहा, पर न्याय का तत्काल होना जरूरी है, न्याय महसूस हो, न्याय राहत दे, न्याय ताकत दे, न्याय अपराधियों में खौफ पैदा करे तब जाकर हम सही दिशा पकड़ पाएंगे। देर से मिला न्याय न्याय नहीं होता है, प्रशासन, पुलिस, समाज, संस्थान और परिवार सब कटघरे में है, सब के सब दोषी हैं। क्या न्याय प्रणाली में कहीं कोई गलियारे नहीं बचे हैं जहां एक स्त्री खुलकर सांस ले सके। राज्य सरकार हो या भारत सरकार सभी को चाहिए कि नीचे से लेकर ऊपरी स्तर तक ऐसे अभियान चलाए जिनसे महिलाओं में जागरूकता बढ़ने से पुरुषों के विकारों में कमी आए। महिलाओं को सक्षम बनाया जाए पर उससे कही ज्यादा जरूरी है अपराधियों पर नकेल कसना, अपराध से जुड़े हर स्तर पर प्रयास बढ़ाने होंगे….बेटियों को बचाना है साथ ही पारिवारिक संस्कारों को भी हमें बचाना होगा।

मुंबई में कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया

हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के लिए मुंबई में कैंडल मार्च निकाल कर विरोध जताया गया. इस दौरान दुष्कर्मियों को कड़ी से कड़ी देने की मांग सरकार से की गयी.महिलाओं ने कहा कि बेटी हमेशा देश की होती है. वो किसी जात और धर्म की नही होती. बेटियों को बचाएं तो कैसे बचाएं. बेटियों को ऐसे राक्षसों से बचाने के लिए सरकार सख्त से सख्त कानून बनाये, जिससे हमारी देश की बेटियां चाहे किसी भी जात, धर्म या मजहब की हो, वो खुद को सुरक्षित महसूस करे।

महिला आयोग ने मांगा जवाब

राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर हाथरस में 19 वर्षीय एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और पिटाई से उसकी मौत के बाद दिल्ली के अस्पताल से उसके शव को लाकर परिजनों की सहमति के बिना राज्य की पुलिस द्वारा जल्दबाजी में दाह संस्कार किए जाने पर जवाब मांगा है। आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर आधी रात को पीड़िता लड़की के शव का दाह संस्कार उसके परिवार के लोगों की अनुपस्थिति में किए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। एनसीडब्ल्यू ने इस पर प्रशासन को जल्द से जल्द जवाब देने को कहा है।

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