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शिवाजी महाराज की ऐसी कहानी, कोई नहीं जानता होगा !

शिवाजी महाराज की ऐसी कहानी, कोई नहीं जानता होगा !
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छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के सबसे वीर, चतुर और दूरदर्शी शासकों में से एक थे। उनकी वीरता और रणनीति ने भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। उनके जीवन की कई कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, लेकिन कुछ अनकही कहानियाँ भी हैं जो उनके व्यक्तित्व की अनूठी झलक प्रस्तुत करती हैं।

मुगलों की कैद से चमत्कारी भागना

जब औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को आगरा के किले में कैद कर लिया, तो यह माना जा रहा था कि अब उनका अंत निश्चित है। लेकिन शिवाजी महाराज की चतुराई और बहादुरी ने उन्हें इस कठिन परिस्थिति से बाहर निकाल लिया। उन्होंने बीमारी का बहाना बनाया और अपने लिए फल और मिठाई मंगवाने की अनुमति प्राप्त कर ली। धीरे-धीरे, उन्होंने इन टोकरी में बैठकर किले से भागने की योजना बनाई। उनके इस चमत्कारी भागने ने यह साबित कर दिया कि वे केवल एक महान योद्धा ही नहीं, बल्कि एक कुशल योजनाकार भी थे।

मावल सैनिकों की निडरता

शिवाजी महाराज की सेना में "मावल" के सैनिक होते थे, जो पहाड़ी युद्ध कला में निपुण थे। यह कहा जाता है कि जब शिवाजी महाराज ने पहली बार तोरणा किले पर विजय प्राप्त की, तब उनके मावल सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और निडरता का परिचय दिया। उन्होंने ऊँची चट्टानों और कठिन मार्गों को पार करके शत्रु को चौंका दिया। यह वही रणनीति थी जो बाद में उन्होंने कई किलों को जीतने में अपनाई।

रानी कर्णावती से मुलाकात

शिवाजी महाराज महिलाओं का अत्यंत सम्मान करते थे। एक बार, उन्होंने गुजरात की रानी कर्णावती से मुलाकात की थी, जो अपने राज्य की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही थीं। शिवाजी महाराज ने उनकी वीरता की सराहना की और उन्हें हर संभव सहायता देने का वचन दिया। उनका यह दृष्टिकोण बताता है कि वे न केवल युद्ध जीतने में निपुण थे, बल्कि सच्चे सम्मान और न्यायप्रियता के प्रतीक भी थे।

विदेशी हथियारों का प्रयोग

शिवाजी महाराज ने युद्ध में सिर्फ परंपरागत भारतीय हथियारों पर निर्भर नहीं किया, बल्कि उन्होंने पुर्तगालियों और अन्य यूरोपीय शक्तियों से आधुनिक हथियारों का ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने नौसेना को मजबूत करने के लिए पश्चिमी तकनीकों का भी उपयोग किया। उनकी नौसेना इतनी शक्तिशाली थी कि वह न केवल मुगलों बल्कि यूरोपीय आक्रमणकारियों के खिलाफ भी मजबूती से खड़ी रही।

निष्कर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक, दूरदर्शी नेता और जनता के सच्चे संरक्षक थे। उनकी अनकही कहानियाँ उनके साहस, चतुराई और न्यायप्रियता को और अधिक उजागर करती हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि यदि संकल्प मजबूत हो तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।

Updated : 19 Feb 2025 5:17 PM IST
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