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राखियों से गुलजार हुए बाजार, रेशम के धागों के लिए भी महंगाई का भार

देश के कई मेट्रो सिटी से बुलढाणा आती हैं राखियां... कच्चे सामानों की कीमतों में वृद्धि में कच्चे माल से राखियां बनाए जाने के साथ ही बड़ी मात्रा में देश के कई प्रमुख शहरों से भी तैयार राखियोम को तैयार कर बेचने के लिए भेजा जाता हैं। इनमें  मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, राजकोट और अहमदाबाद प्रमुख हैं और मध्यप्रदेश का इंदौर आने के बाद ये राखियां आसपास के कई क्षेत्रों और पूरे प्रदेश में व्यापारी ले जाते हैं, दुकानों से लेकर सड़क पर स्टाल लगाकर इनको बेचने के लिए बाजार दिन ब दिन सजते जा रहे है।।भाई, दादा, बच्चों के लिए कार्टून राखियां, बैटरी से चलने वाली टिमटिमाती रोशनी वाली डिजिटल राखियां आ चुकी हैं।

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बुलढाणा: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन बस आज से दस दिन दूर है। वहीं इन दिनों बाजारों में राखियों की तरह तरह की वैरायटी से बाजारों में तरह-तरह की राखियों से दुकानदारों ने अपनी दुकानों को सजाया है। देश भर में बेतहाशा फैली महंगाई की मार भाई बहन के पवित्र रिश्ते हाथ पर बांधने वाले रक्षा बंधन यानी रेशमी धागों पर और अन्य चीजों से बनने वाली कीमतों में तेजी की वृद्धि के कारण राखियों की कीमत पिछले साल की तुलना में इस साल महंगी है। कलाई पर बांधने वाली बहन का रक्षा सूत्र के लिए अब भाई-बहन दोनों के जेब पर भार पडेगा। इस बार कलाई पर बांधने वाली राखियों की कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।

हालांकि, अन्य चीज़ों की तरह रक्षा बंधन पर भी महंगाई का असर पड़ा है और राखियों के दाम पिछले साल की तुलना में दोगुने हो गए हैं. जीएसटी और बढ़ती महंगाई हर साल की तुलना में इस साल राखियों की बिक्री को ज्यादा प्रभावित कर रही है. भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाली रंग-बिरंगी राखियों के लिए फिलहाल बाजार में कई दुकानें लगाई गई हैं। 200 रुपये दर्जन से लेकर एक हजार से ज्यादा राखियां फिलहाल बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि राखी की कीमत जो पिछले साल 10 रुपये थी, इस साल बढ़कर 15 रुपये से 20 रुपये हो गई है। यह कीमत लगभग दोगुनी होने के कारण दुकान पर आने वाली महिलाएं अपनी नाराजगी जाहिर कर रही हैं।



फैंसी जरीवाला और जरदोजी के साथ राखियां घुंघरू, लाख, राजस्थानी मिरर वर्क और कांच के अलंकरण ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसमें कलर्स स्टोन, कुंदन वर्क, कलर्ड बीड्स का भी इस्तेमाल किया गया है.. इसके साथ ही इस साल बाजार में कुछ खास राखियां देखने को मिल रही हैं. इन राखियों पर एक संदेश या नाम लिखा होता है भाई, दादा, बच्चों के लिए कार्टून राखियां, बैटरी से चलने वाली टिमटिमाती रोशनी वाली डिजिटल राखियां आ चुकी हैं।

बाजार में रंग बिरंगी राखियों के देखिए जो अपनी ओर सबको आकर्षित कर रही है। राखी खरीदने आई प्रज्ञा बोचरे ने बताया कि राखी की कीमतों में काफी इजाफा देखने को मिला है। जो 10 रुपये की राखी थी वो 30 से 40 रुपये की जगह जगह पर बेची जा रही है। दुकानदारों ने उनको बताया कि देश में फैली महंगाई से वो भी परेशान है सबसे बड़ा कारण पेट्रोल डीजल की कीमतों इजाफा फिर जीएसटी की दोहरी मार के कारण उनको बाजार में महंगा बेचने पड़ रहा है।प्रज्ञा ने कहा कि दो साल कोरोना काल के बाद इस बार रक्षा बंधन को धूमधाम से मनाया जाएगा। कीमत कितनी भी बढ़ गई हो लेकिन इस पवित्र रिश्ते के इस बंधन को निभाने के लिए राखी तो खरीदना ही है।



बाजार में इस तरह तरह की रंग बिरंगी और क्या बच्चों से लेकर सियान तक ही राशि जो बाजारों में में बिक रही है जिसको देखने के बाद हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाए। राखी विक्रेता मुश्ताक शेख ने बताया कि महंगाई की मार से वो भी इस बार राखी विक्रेता भी अछूता नहीं रहा है। जीएसटी की मार उनके व्यवसाय पर सबसे ज्यादा असर डाल रही है। लाखों रुपयों का उन्होंने राखी खरीदकर व्यवसाय शुरू किया है। लोगों में उत्साह है राखी देख रहे है लोग कुछ लोगों ने राखियों खरीदना शुरू कर दिया है लेकिन इसकी खरीदी का जोर दो तीन दिन पहले से शुरू होता है। अभी 10 दिन का समय है उम्मीद है राखी की कीमत के बढ़ने के बाद भी कोई भाई की कलाई सुनी नहीं होगी।

Updated : 2 Aug 2022 3:18 PM GMT
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