कंगना से शिवसेना का पंगा, कहीं डिमॉलिशन न हो जाए!
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मुंबई। कंगना के ऑफिस पर बुलडोजर चलवाकर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार चारों तरफ से घिर चुकी है. इस मामले में अपनों ने भी विरोध में खड़े हो गये हैं. शिवसेना सरकार में सहयोगी पार्टियां भी कंगना के ऑफिस में बीएमसी की तोड़फोड को गलत बताया है. एनसीपी चीफ शरद पवार के बाद अब कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी बीएमसी के इस ऐक्शन को प्रतिशोध से ओत-प्रोत बताया है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट किया और कहा, कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका ?
क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी. उन्होंने इस कार्रवाई को प्रतिशोध से ओत-प्रोत बताया. राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है. कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए. इससे पहले शरद पवार ने भी कंगना के कार्यालय पर बुलडोजर चलने को गलत बताया. उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बेहद गैर-जरूरी ऐक्शन करार दिया. एनसीपी चीफ पवार ने कहा था कि हर कोई जानता है कि मुंबई पुलिस सुरक्षा के लिए काम करती है. दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस ने कंगना के ऑफिस पर तोड़फोड़ को बदले की कार्रवाई बताया,
उन्होंने कहा, अपने खिलाफ बोलने वालों को हम रास्ते में रोककर मारेंगे और सरकार के समर्थन से हम ये काम करेंगे, ऐसा महाराष्ट्र के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. जो बात गलत है, उसे गलत कहना ही चाहिए. लेकिन उस बात से महाराष्ट्र का जितना होता है या महाराष्ट्र पुलिस का जितना अपमान होता है, उतना ही अपमान सरकार जिस तरह की कार्रवाई कर रही है उससे महाराष्ट्र का पूरे देश में हो रहा है. अगल गलत निर्माण हुआ है, तो कार्रवाई होना ही चाहिए, लेकिन अगर सबके साथ कार्रवाई होती.
वहीं दूसरी तरफ कंगना के मुंबई पहुंचने पर शिवसेना सांसद संजय राउत से तक प्रतिक्रिया ली गयी, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया और कहा, इस मामले में वो कुछ नहीं बोलेंगे. हालांकि उन्होंने अपना तेवर दिखाते हुए कहा कि जो लोग हमारी पार्टी को बाबर सेना कह रहे, वो ये जान लें कि हम वही लोग हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद तोड़ी थी. उन्होंने बीएमसी कार्रवाई को सही ठहराया।