Home > ट्रेंडिंग > मालेगांव के एडीएम यशवंत सोनवणे की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

मालेगांव के एडीएम यशवंत सोनवणे की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास

.कहते है कि वफादारी से अगर कोई काम करना चाहे तो वो कर नहीं पाता फिल्मों में इस तरह की कहानी हमने सुनी है लेकिन एडीएम यशवंत सोनावणे की घटना में यह एक बार फिर रील लाइफ से रियल लाइफ ईमानदार अफसरों की देखने को मिली थी।

मालेगांव के एडीएम यशवंत सोनवणे की हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास
X

स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, नाशिक: मालेगांव (महाराष्ट्र) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आज राजेंद्र उर्फ राजू देवीदास शिरसाठ, मच्छिंद्र पिराजी सूरवडकर उर्फ काचरू और अजय मगन सोनवणे को तत्कालीन अपर कलेक्टर श्री यशवंत सोनावणे की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सीबीआई ने महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर और 08.04.2011 को भारत सरकार से आगे की अधिसूचना पर 08.04.2011 को मामला दर्ज किया था और 12 आरोपियों के खिलाफ मनमाड, जिला नासिक (महाराष्ट्र) के पुलिस स्टेशन में पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। यह आरोप लगाया गया था कि मामले का मुख्य आरोपी पोपट दत्तू शिंदे मनमाड-नंदगांव रोड पर जोंधलवाडी शिवालय, तालुका नंदगांव, जिला नासिक में एक ढाबा चला रहा था। उक्त ढाबा की आड में पेट्रोलियम उत्पादों की चोरी, भंडारण और अवैध बिक्री के लिए स्थानीय बिंदु के रूप में कार्य किया जा रहा था। जिसमें तेल टैंकरों ने पेट्रोलियम उत्पादों के हिस्से को गुप्त रूप से कंपनियों के नौकरों के ड्राइवरों को कुछ रूपयों की लालच देकर डिब्बे / बैरल आदि में संग्रहित किया जाता था और बाद में बेचा गया था। ये उत्पाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए थे, लेकिन इसकी चोरी करके यह कंपनियों और सरकार के राजस्व पर डाका डाल रहे थे।



मामले में आगे यह भी आरोप लगाया गया कि यशवंत सोनवणे, अतिरिक्त कलेक्टर, मालेगांव (महाराष्ट्र) अपने स्टेनो-कम-पीए और ड्राइवर के साथ मनमाड होते हुए नंदगांव जा रहे थे। जोंधलवाड़ी क्षेत्र में यशवंत सोनवणे ने पोपट दत्तू शिंदे और अन्य द्वारा किए जा रहे उक्त ढाबे पर पेट्रोलियम उत्पादों की गुप्त चोरी और भंडारण का पता लगाया। अपर कलेक्टर ने आपूर्ति निरीक्षक को पंचनामा तैयार करने को कहा. इसी दौरान उक्त आरोपित मौके पर पहुंचे और अन्य सह आरोपियों के साथ मिलकर यशवंत सोनवणे को लोहे की रॉड से बेरहमी से मारकर पीटा और उसके बाद पूरे शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जिंदा जला दिया। मालेगांव के तत्कालीन अपर कलेक्टर यशवंत सोनवणे की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद राजनेताओं का मालेगांव में आना शुरू हो गया। राज्य के सभी वरिष्ठ नेताओं ने वहां का दौरा किया और सीबीआई जांच की मांग की गई सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया।



पोपट दत्तू शिंदे भी 25.01.2011 को यशवंत सोनवणे को आग लगने के बाद झुलस गए थे, 30.11.2011 को उनका निधन मुंबई के जे.जे अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। करीब सप्ताह भर मनमाड क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। मनमाड के एडीएम को जिंदा जलाने वाले मुख्य आरोपी पोपट शिंदे को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है..... शिंदे ने ही एडीएम सोनवणे पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी लेकिन सोनवणे ने शिंदे को जमकर पकड़ लिया था जिसमें शिंदे 70 फीसदी जल गया है, इलाज के शिंदे को मुंबई के जेजे अस्पताल में लाया गया है लेकिन उसकी हालत दयनीय बनी हुई थी पांच दिन बाद उसने दम तोड़ दिया, मनमाड में उसका शव आने के बाद भी काफी हंगामा हुआ था।



जांच उपरांत दिनांक 10.11.2011 को अपर सत्र न्यायाधीश, मालेगांव, जिला नासिक के समक्ष राजेंद्र उर्फ राजू देवीदास शिरसाठ,मच्छिंद्र पिराजी सूरवडकर उर्फ कचरू एवं अजय मगन सोनवणे के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया। चूंकि एक आरोपी नाबालिग था, इसलिए उसका मामला अलग से जुवेनाइल कोर्ट न्याय बोर्ड, नासिक के समक्ष दायर किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने उक्त तीनों आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें दोषी करार होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

Updated : 8 Sept 2022 10:18 PM IST
Tags:    
Next Story
Share it
Top