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भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत के लिए टाकली-नांदेड़ मार्ग पर लोगों का सैलाब उमड़ा

नांदेड़ के इलाके में 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो ' नारों की जबरदस्त गूंज

भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत के लिए टाकली-नांदेड़ मार्ग पर लोगों का सैलाब उमड़ा
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, वन्नाली, नांदेड़: महाराष्ट्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लोगों से जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। इस यात्रा के दूसरे दिन टाकली-नांदेड़ मार्ग पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। कम से कम 4 से 5 किलोमीटर तक वाहनों और लोगों की भीड़ नजर आई। इस यात्रा में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा बच्चे, युवा और उनके माता-पिता ने बड़ी उत्साह के साथ भाग लिया। यह जनसागर राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतरी थी।

यह पदयात्रा मंगलवार 8 नवंबर को सुबह 8.30 बजे वन्नाली गुरुद्वारे से शुरू हुई। यात्रा में बच्चों, महिलाओं और युवाओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। वज्रगा (अट्टाकली के पास) पहुंचने के बाद साढ़े नौ बजे यात्रा में शामिल लोगों ने विश्राम किया । शाम चार बजे पुन: यह यात्रा खतगांव फाटा से बड़ी धूमधाम से शुरू हुई।





इस यात्रा में पूरे महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। इसमें 30 से 45 आयु वर्ग के युवाओं की संख्या अधिक है। दोपहर की चिलचिलाती धूप में जुलूस में शामिल होने के लिए सड़कों और उसके आसपास लोगों की भीड़ लगी रही। 4 बजकर 10 मिनट पर सड़क पर धीमी गति से दौड़ती भीड़ के बीच जब राहुल गांधी पहुंचे और भीड़ में जान आ गई। भीड़ तेजी से नांदेड़ की ओर बढ़ने लगी। इस दौरान लोग राहुल गांधी के साथ चलने के लिए दौड़ पड़े। पुरुषों और महिलाओं के समूह ने इस दौरान बड़ी ही गर्मजोशी के साथ "भारत से नफरत छोड़ो" के नारे लगाते हुए भीड़ में शामिल हुए । जहां तक नजर जाती थी वहां तक लोगों की भीड़ देखी जा सकती थी।

खातेगांव हाई स्कूल के छात्र स्कूल यूनिफॉर्म में पदयात्रियों का स्वागत करने के लिए खड़े हुए। उन्होंने ताली बजाते और थोड़ा सा झुकते हुए "वेलकम सर... वेलकम सर" कह कर राहुल गांधी का स्वागत किया। छत्रपति शिवाजी महाराज का वेश धारण कर घोड़े पर सवार युवतियों की समूह ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। उससे पहले हाथ में वीणा और ताली बजाकर "जय -जय राम कृष्ण हरि" गाते हुए वारकरी भजनी समुदाय बड़े उत्साह से भजन गा रहे थे। एक मंच पर महाराष्ट्र के महापुरुषों, छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और अन्नाभाऊ साठे की वेशभूषा में महाराष्ट्र की संस्कृति को प्रस्तुत किया जा रहा था।





करीब 45 मिनट चलने के बाद जब पदयात्रा भोपाल की पहाड़ी पर पहुंची तो यात्रा का स्वागत करने के लिए खड़े मावलों के वेश में सवारों ने ध्यान खींचा। जैसे ही जुलूस नजदीक आया, तेज घोड़े पर सवार होकर उन्होंने "जय भवानी जय शिवाजी" के नारे लगाए। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ी, इन घुड़सवारों ने साहसिक अभ्यास करके सभी के ध्यान को आकर्षित किया। एक स्थान पर एक बुजुर्ग समूह ने शहनाई और ताशा के पारंपरिक वाद्य यंत्रों से सभी का स्वागत कर रहा था। कई जगहों पर सूरज की प्रतिकृतियों में राहुल गांधी के झंडे, कटआउट, पोस्टर और बैनर देखे गये।






Updated : 8 Nov 2022 8:31 PM IST
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