#Governorgoback: राज ठाकरे की राज्यपाल को चेतावनी, दी महाराष्ट्र के बलिदान देने वालों का इतिहास पढ़ने की नसीहत
मराठी लोगों के बलिदान को मत भूलना, राज ठाकरे की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नसीहत! कोश्यारी की होशियारी
X
मुंबई और ठाणे में रहने वाले लोगों और आर्थिक राजधानी को लेकर भगतसिंह कोश्यारी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। एक तरफ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने केंद्र सरकार से राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग की है तो वहीं अब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्यपाल को सीधी चेतावनी दी है। राज ठाकरे ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने राज्यपाल के बयान का विरोध किया है। महाराष्ट्र की सत्ता में भले राज ठाकरे भाजपा का साथ दे रहे हो लेकिन बात महाराष्ट्र के शान और उस पर आने वाली आंच की हो गई तो राज ठाकरे वो नहीं चुकने वाले। आइए जानते हैं उन्होंने अपने बयान में क्या कहा...
राज ठाकरे ने अपने पत्र में लिखा है कि "यदि आप महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में नहीं जानते हैं, तो बात न करें। लोग आपके खिलाफ बोलने से हिचकिचाते हैं क्योंकि राज्यपाल प्रतिष्ठा और सम्मान की स्थिति है, लेकिन आपके बयानों ने महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को आहत किया है। यह है सिर्फ इसलिए कि महाराष्ट्र में मराठी लोगों ने मन और जमीन पर खेती की है कि दूसरे राज्यों के लोग यहां व्यापार करते हैं। वे आए हैं और आ रहे हैं, है ना? दूसरी तरफ, क्या उन्हें ऐसा माहौल मिलेगा? कह कर माहौल खराब मत करो कुछ सिर्फ इसलिए कि चुनाव की पूर्व संध्या पर किसी ने कुछ कहा। आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? हाय। हम इतने मूर्ख नहीं हैं कि पता न चले। मराठी लोगों को भ्रमित न करें, बस इतना ही बता रहा हूं।
राज ठाकरे की इस प्रतिक्रिया को काफी गंभीरता से लिया गया है , भाजपा की तरफ से इस पर किसी बड़े नेता या फिर कहे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का कोई बयान नहीं आया है शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी राज्यपाल के इस बयान को लेकर पत्रकारों से बात कर राज्यपाल की गरिमा पर इस तरह के व्यक्तवय को लेकर जरूर हमला करने वाले है। पिछले दो सालों में देखे तो राज्यपाल पर कांग्रेस शिवसेना एनसीपी ने कई बार जमकर हल्लाबोल किया। राज्यपाल के पद की मर्यादा को क्या राज्यपाल खुद लांघ रहे है? इस तरह की बात राजनीतिक पार्टियां कर रही है।