मुख्तार अंसारी कि मोत पर नेताओ ने खडे किए सवाल
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पुर्वांचल के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी कि मोत हो गई,दरअसल मेडिकल कॉलेज बांदा ने उनके मौत की पुष्टि की है। मुख्तार पर जारी किए गए बयान में मेडिकल कॉलेज की तरफ से कहा गया है कि बृहस्पतिवार शाम को करीब 8.25 बजे मुख्तार अंसारी (63) को जेल के कार्मिकों के द्वारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज, बांदा लाया गया। मरीज को नौ डॉक्टरों की टीम द्वारा तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई। परंतु भरसक प्रयासों के बावजूद मुख्तार को नहीं बचाया जा सका।
मुख्तार अंसारी दो बार निर्दलीय उम्मीदवार रहकर विधानसभा चुनाव जीते। सपा-बसपा से दूरी होने पर अपनी पार्टी कौमी एकता दल बनाई। मुख्तार पांच बार विधायक रहें और बसपा के टिकट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से भी किस्मत आजमाई। हालांकि यहां सिकस्त हुई।
वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी ने हपले कहां था की "मुख्तार ने उन्हें खुद बताया था कि उन्हें जहर दिया गया."
मुख्तार अंसारी की मोत पर नेताओ का आया बयान.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कहा, "इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन. अल्लाह से दुआ है के वो मुख्तार अंसारी को मगफिरत फरमाए, उनके खानदान और उनके चाहने वालों को सब्र-ए-जमील अदा करें. अफजाल अंसारी और यूसुफ ए अहमद अंसारी गाजीपुर की अवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को को खो दिया. मुख़्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्हें जहर दिया गया था. बावजूद इसके, सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह नहीं दिया. निंदनीय और अफसोसजनक."
इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन। अल्लाह से दुआ है के वो मुख़्तार अंसारी को मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके ख़ानदान और उनके चाहने वालों को सब्र-ए-जमील अदा करें। @AfzalAnsariMP @yusufpore ग़ाज़ीपुर की अवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को को खो दिया। मुख़्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप… pic.twitter.com/zMbA0txKDK
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 28, 2024
अखिलेश यादव ने बिना नाम लिये मौत पर उठाए सवाल
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी का नाम तो नहीं लिया उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर इशारों पर उनकी मौत के बहाने पर योगी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा, "सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी है, जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं. उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में 'कानून-व्यवस्था' का शून्यकाल है."
हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 29, 2024
- थाने में बंद रहने के दौरान
- जेल के…
'मुख्तार के मौत की हाईलेवल जांच हो'
यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, "मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें. ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक. कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे."
मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।
— Mayawati (@Mayawati) March 29, 2024
यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की साजिश है
मुख्तार की मौत को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य एक्स पर लिखा, यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की साजिश प्रतीत होती है, पहले डॉक्टरों के पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटो बाद ही उनकी मौत, पारिवारिजनों द्वारा लगाए गए हत्या की साजिश की पुष्टि करती है।
यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की शाजिस प्रतीत होती है, पहले डाक्टरो की पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटो बाद ही उनकी मौत, पारिवारिजनों द्वारा लगाए गये हत्या की साजिश की पुष्टि करती है।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 29, 2024
अतः पूरे घटना क्रम की जांच मा. उच्च न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए यहाँ तक कि…
वही मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम शुरू हो गया है। पांच सदस्यीय डाक्टरों की टीम पोस्टमार्टम कर रही है।