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India का पहला Republic day parade : एहतिहासिक परेड

India का पहला Republic day parade : एहतिहासिक परेड
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दिन था। इस दिन भारत ने औपचारिक रूप से अपने संविधान को अपनाया और खुद को एक गणतंत्र घोषित किया। इस खास मौके को भव्य परेड के साथ मनाया गया, जो दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित की गई। यह परेड भारत के समृद्ध इतिहास, विविधता और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने का प्रतीक बन गई।

पहले गणतंत्र दिवस की विशेषताएं

1. राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अगुवाई

पहले गणतंत्र दिवस पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने देश को संबोधित किया। उन्होंने ऐतिहासिक इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम) में ध्वजारोहण किया और औपचारिक परेड की शुरुआत की।

2. सैन्य परेड का प्रदर्शन

पहली गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। इसमें टैंक, तोप और अन्य सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जो भारतीय सेना की ताकत और आत्मनिर्भरता को दिखाने के लिए था।

3. सांस्कृतिक झांकियां

इस परेड में पहली बार भारत की विविधता को दर्शाने वाली सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल की गईं। विभिन्न राज्यों की झांकियों ने उनकी संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों को प्रस्तुत किया।

4. अंतरराष्ट्रीय मेहमान

पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। उनकी उपस्थिति ने भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत मित्रता और सहयोग का संदेश दिया।

5. परेड का मार्ग

परेड इरविन स्टेडियम से शुरू होकर कनॉट प्लेस और राजपथ से गुजरती हुई समाप्त हुई। हजारों लोगों ने इस परेड को देखने के लिए सड़कों पर आकर देश के इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने का अवसर प्राप्त किया।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस भारत के लोकतांत्रिक और गणराज्य बनने का प्रतीक है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और आत्मसम्मान का प्रतीक है। पहली परेड ने न केवल भारतीय सैन्य और सांस्कृतिक विविधता को प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है।

पहले गणतंत्र दिवस की विरासत

आज 26 जनवरी को हर साल राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की जाती है। यह परेड हमारी सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और देश की एकता का भव्य प्रदर्शन है। 1950 की पहली परेड ने जो परंपरा शुरू की थी, वह आज भी जारी है और हर भारतीय के दिल में देशभक्ति का जज्बा भर देती है।

निष्कर्ष:

पहले गणतंत्र दिवस परेड ने भारतीय गणराज्य की नींव को मजबूत किया और पूरी दुनिया को यह दिखाया कि भारत न केवल एक स्वतंत्र राष्ट्र है, बल्कि एक सशक्त लोकतंत्र भी है। यह परेड हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमारे देश की गौरवशाली परंपराओं का प्रतीक है।

Updated : 26 Jan 2025 1:10 PM IST
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