मेरे देश प्रेमियों हिंदी से प्रेम करो...
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भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हिंदी का बोलबाला
हिंदी को लेकर बेवजह कुछ राज्यों के नेता निशाना बनाते हैं। उत्तर हो या दक्षिण अब हर तरफ हिंदी बोली जाने लगी है। हिंदी तो सबके लिए फायदेमंद है। इसी लिए तो भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हिंदी का बोलबाला लगातार बढ़ रहा है। यहां तक हिंदी के न्यूज चैनल, यूट्यूब चैनल, वेबसाइट सबसे ज्यादा हिंदी के ही खुल रहे हैं। कारण हिंदी के जरिए सभी लोग पूरे देश तक अपनी बातें पहुंचाना चाहते हैं। सबसे ज्यादा धड़ाधड़ फिल्में हिंदी में ही बनाई जा रही हैं। मोबाइल और सोशल मीडिया पर रोमन हिंदी का प्रचलन काफी बढ़ता जा रहा है. रोमन हिंदी का मतलब है कि मैसेज तो हिंदी में लिखे जा रहे हैं लेकिन उसके लिए जिस लिपि का प्रयोग किया जा रही है वह देवनागरी न होकर रोमन लिपि है. रोमन लिपि का प्रयोग अंग्रेजी भाषा के लिए किया जाता है.
हालांकि हिन्दी दिवस आते ही कुछ दिनों तक हिन्दी हमारा गर्व है। तमाम नारे लगने शुरू हो जाते हैं। पिछले कई वर्षों से ऐसा किया जा रहा है। हिन्दी को बचाने के लिए नारे गढ़े जाते हैं। मगर तब से अब तक न तो हिन्दी का अस्तित्व मिटा है और न ही इस पर कोई संकट या खतरा आया है। हिंदी का सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है। हिंदी तो अपने आप ही आगे बढ़ते जा रही है। हिन्दी की अपनी लय है, अपनी चाल और अपनी प्रकृति। इन्हीं के भरोसे वो चलती है और अपनी राह बनाती रहती है। सतत किसी नदी की तरह। कभी अपने बहाव में तरल है तो कहीं उबड़-खाबड़ पत्थरों से टकराती बहती रहती है और वहां पहुंच जाती है, जहां उसे जाना होता है, हमारे दिखावेपन से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
पहले की अपेक्षा आज के दौर में कई किताबों के अनुवाद हिन्दी में हो रहे हैं। कई इंटरनेशनल बेस्टसेलर किताबों के अनुवाद हिन्दी में किए जा रहे हैं। क्योंकि हिन्दी-भाषी लोग उन्हें पढ़ना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर हिन्दी में ही सबसे ज्यादा चर्चा होती हैं। हिन्दी में लिखा जा रहा है, हिन्दी में पढ़ा जा रहा है। कई प्रकाशन हाउस ने हिन्दी में अपने उपक्रम प्रारंभ किए हैं। गूगल हो, ट्विटर या फेसबुक। या सोशल मीडिया का कोई अन्य माध्यम।
हिन्दी ने अपनी जगह बना ली है, हिन्दी में ही लिखा, पढ़ा और ढूंढा जा रहा है। ऐसा कभी नहीं होता कि हमारी अंग्रेजी अच्छी हो जाएगी तो हिन्दी खराब हो जाएगी। बल्कि एक भाषा दूसरी भाषा का हाथ पकड़कर ही चलती है। एक दूसरे को रास्ता दिखाती है। आप और हम हिन्दी को बना भी नहीं सकते और मिटा भी नहीं सकते, हिन्दी को किसी के वाहवाही की जरूरत नहीं है हिंदी तो हिंदुस्तान का स्वाभिमान है। इसे किसी के वाहवाही की जरूरत नहीं है और यह सतत आगे बढ़ती रहेगी।
१४ सितंबर>हिंदी दिवस पर पढ़ें सुंदर नारे…
जन-जन की आशा है हिन्दी,भारत की भाषा है हिन्दी,हिन्दी का सम्मान करें
हिन्दी है भारत की शान आगे इसे बढ़ाना है, हर दिन, हर पल, हमको हिन्दी दिवस मनाना है
हम सब हिन्दी को अपनाएं, देश-विदेश में मान बढ़ाएं, वैज्ञानिक भाषा है हिन्दी,यह बात सबको समझाएं.
हिन्दी है जन-जन की धड़कन, हिन्दी हमारी शान है, हिन्द देश के वासी हैं हम, हिन्दी हमारी पहचान है..
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हिन्दी के बारे में विद्वानों के विचार
'मैं उन लोगों में से हूं, जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।' - बाल गंगाधर तिलक
मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती। भगवान भारतवर्ष में गूंजे हमारी भारती। - मैथिलीशरण गुप्त
है भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी भरी। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि है नागरी। - मैथिलीशरण गुप्त
राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। - महात्मा गांधी
हिन्दी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है। - माखनलाल चतुर्वेदी
.हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है। - वी. कृष्णस्वामी अय्यर
राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है। - बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'