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CORONA ने तोड़ी 86 साल की पुरानी परंपरा, नहीं सजेगा लालबाग के राजा का दरबार

CORONA ने तोड़ी 86 साल की पुरानी परंपरा, नहीं सजेगा लालबाग के राजा का दरबार
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ऑनलाइन हो सकेंगे दर्शन, इस साल मुंबई में फीका रहेगा गणेशोत्सव का त्योहार

मुंबई। मायानगरी का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है गणेशोत्सव साज सज्जा, पंडाल, संगीत और प्रसाद के लिए हफ्तों की मेहनत के बाद मुंबई के गणेशोत्सव की चर्चा देश ही क्या दुनिया में होती है. हर साल भव्य और बड़े पैमाने पर होने वाले इस उत्सव का रंग रूप और मिज़ाज इस बार काफी बदला हुआ होगा क्योंकि Covid-19 की चपेट में देश में सबसे ज़्यादा जो राज्य रहा, वो महाराष्ट्र और जो शहर रहा, वो मुंबई ही है.22 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाने वाली है और मुंबई में इसके लिए अलग तरह की तैयारियां चल रही हैं. एक हफ्ते से दस दिन के उत्सव के बाद समुद्र में बहुत बड़े स्तर पर मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम मुंबई की सांस्कृतिक शान रहा है, लेकिन इस बार कई जगह छोटे छोटे टैंक बनाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार ने पिछले महीने जारी किए निर्देशों में लोगों से आर्टिफिशियल जल निकायों में मूर्ति विसर्जन करने को कहा. हालांकि अब तक समुद्र या अन्य प्राकृतिक जल इकाइयों में विसर्जन के लिए कोई बैन नहीं लगा है. इस बार गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई को लेकर भी नियम बना दिए गए हैं.सार्वजनिक पंडालों में पिछले साल तक ऊंची ऊंची गणेश प्रतिमाएं दिखती थीं और खास तौर से गिरगांव चौपाटी पर विसर्जन के समय दो लाख से ज़्यादा लोग इकट्ठे हो जाते थे. लेकिन इस बार सार्वजनिक पंडालों में चार फीट और घरेलू झांकियों में दो फीट से ऊंची प्रतिमा नहीं दिखेगी. वहीं सरकारी निर्देशों के तहत हर इलाके में आर्टिफिशियल टैंक बनाए जा रहे हैं. कई जगह पंडाल लगाने वाले आयोजक ही टैंक बनवा रहे हैं क्योंकि निर्देशों के मुताबिक विसर्जन में 5 से 10 लोग से ज़्यादा इकट्ठे नहीं हो सकेंगे.

बड़ा जुलूस तो नहीं, लेकिन थोड़ा बहुत संगीत आयोजन ज़रूर होगा

मुंबई के गणेशोत्सव की भव्यता के साथ ही सरसता को जो लोग जानते हैं, उन्हें पता है कि संगीत यानी बैंड बाजे का इस उत्सव में कितना महत्व है. ढोल, ताशों और बैंड के कलाकार हफ्तों तक दर्जनों और सैकड़ों की तादाद के समूहों में गणेशोत्सव के लिए तैयारी करते हैं और संगीत के बड़े आयोजन पंडालों में होते हैं. हालांकि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के चलते भीड़ नहीं जमा की जानी है इसलिए बड़ा जुलूस तो नहीं होगा लेकिन थोड़ा बहुत संगीत आयोजन ज़रूर होगा क्योंकि इस पर कोई बैन नहीं है.

मुंबई के गणेशोत्सव के दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा लालबाग के गणेश मंडप की होती रही है, भक्त दो दिन लाइन में खड़े रहकर दर्शन करते हैं. जानकारी के अनुसार 86 सालों में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि इस साल मुंबई में लालबाग के राजा यानी गणेश मंडप का आयोजन नहीं होगा.मुंबई के कुछ और प्रसिद्ध पंडालों ने भी आयोजन न करने का फैसला लिया है. वडाला का जीएसबी पंडाल भी इन्हीं में से एक है, जो इस साल आयोजन नहीं कर रहा है. जो पंडाल आयोजन नहीं कर रहे हैं, उनमें से कुछ ने कहा है कि सोशल मीडिया के ज़रिये श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी ताकि पंडालों पर भीड़ जमा न हो।

Updated : 9 Aug 2020 3:06 PM GMT
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