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सुशांत केस में खूब हुई राजनीति, सभी ने उठाया फायदा
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संदीप सोनवलकर
एक्टर सुशांत राजपूत की कथित आत्महत्या के मामले में एक नहीं कई राजनीतिक धाराएं बह रही हैं। ये राजनीति किसी एक दल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सबने उसका फायदा उठाया है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआई जांच का आदेश दे दिया तो राजनीति और गहरा गयी है।
दलगत राजनीति
सुशांत केस में पहला एंगल दलगत राजनीति का है। सत्ता से बेदखल हो चुकी बीजेपी महाराष्ट्र में किसी तरह से सरकार को घेरना चाहती है। इसलिए पार्टी और उसके प्रवक्ता लगातार मीडिया के जरिये उसे उठा रहे हैं। बीजेपी को लगता है कि इस बहाने एक तरफ वो ठाकरे परिवार को निशाना बना सकती है वहीं दूसरी तरफ तीन दलों की सरकार में दरार लाने की कोशिश भी बीजेपी की है। क्योंकि मुख्यमंत्री के बेटे का नाम आ रहा है। वहीं एनसीपी का गृहमंत्री है। बस उसमें बीजेपी चूक गयी कि शरद पवार किसी तरह नहीं डर रहे वो तो अपने पोते के साथ भी नहीं गये।
आदित्य बनाम पार्थ
इस खेल में शरद पवार के पोते पार्थ पवार भी कूद गये, क्योंकि उनकी आदित्य से पुरानी दुश्मनी है। पार्थ ने 2019 का चुनाव लडा था तो आदित्य ने पुरानी दोस्ती नहीं निभाई और पार्थ को शिवसेना उम्मीदवार ने हरा दिया। आदित्य और पार्थ दोनों दोस्त थे दोनों साथ पार्टी करते थे। चुनाव में आदित्य के करीबी लोगों ने पार्थ की पार्टी करते हुए फोटो जारी कर दी थी जिसके जवाब में पार्थ ने भी आदित्य की फोटो जारी कर दी जिससे दूरियां और बढ गयी।
बिहार बनाम महाराष्ट्र
महाराष्ट्र चुनाव में बिहारियों का मुददा उठता रहा है ये पहला मौका है जब बिहार चुनाव में महाराष्ट्र सरकार का मुददा भी उठ रहा है। असल में वो इसलिए क्योंकि शिवसेना इस बार सरकार की मुखिया है। बीजेपी और जेडीयू को लगता है इसी बहाने राजपूत वोट बैंक एकजुट हो सकता है। शिवसेना और एनसीपी ने तो खुलकर आरोप भी लगाया है।
बालीवुड की राजनीति
इस मामले में बालीवुड के गुट भी आपस में राजनीति कर एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं .कंगना रनौत सबसे आगे हैं। इसी बहाने कंगना ने कई बड़े फिल्मकारों से अपना हिसाब चुकता कर लिया है। बहस नेपोटिज्म से लेकर आगे तक गयी . .सबकी अपनी राजनीति और सबके अपने चूल्हे हैं जाहिर है कौन नहीं चाहेगा कि उसकी रोटी पक जाये और उसको फायदा हो जाये. बात तो तब होगी, जब सचमुच सीबीआई जांच से कुछ निकले।