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भारत में 5जी को मिली हरी झंडी, इंटरनेट की स्पीड 10 गुना बढ़ जाएगी

5जी से डाउनलोड स्पीड होगी 1 जीबीपीएस, 4जी में यह स्पीड सिर्फ 5 एमबीपीएस, सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी मूवी। 5G को दुनिया में 2010 में लॉन्च किया गया था, इसे 11 साल बाद भारत में लॉन्च किया जाएगा, बड़े शहरों को सबसे पहले फायदा होगा।

- 26 जुलाई से रु. 4.31 लाख करोड़ 5वीं स्पेक्ट्रम नीलामी : कैबिनेट का फैसला


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारत में भी इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने का फैसला किया है. अब से भारत में भी 4जी इंटरनेट स्पीड मिलेगी। केंद्र सरकार ने 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर मुहर लगा दी है। जानकारों के मुताबिक भारत में 2जी के आने से मौजूदा 3जी से 10 गुना ज्यादा स्पीड मिलेगी। टेलीकॉम कंपनियां भी लंबे समय से 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार कर रही हैं।

केंद्र सरकार ने कहा है कि जल्द ही 5जी सेवा शुरू की जाएगी। और 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल के लिए की जाएगी। भारत में इस समय 4जी नेटवर्क है। हालांकि, अन्य देशों की तुलना में गति बहुत कम है। 5जी के आने से हाई स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल संभव होगा। जानकारों का कहना है कि 3जी की मदद से यूजर्स कुछ ही सेकेंड में फुल एचडी मूवी डाउनलोड कर पाएंगे। जब अपलोड स्पीड की बात आती है, तो 5G नेटवर्क 1 Gbps तक की डाउनलोड स्पीड देने में सक्षम होगा।

फिलहाल 4जी में यह स्पीड 50 एमबीपीएस तक है। जुलाई के अंत तक 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू होगी। यह नीलामी 30 साल के लिए होगी। इनमें 600, 700, 800, 900, 1800, 2,100 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड के निम्न श्रेणी के स्पेक्ट्रम, 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड के मध्यम श्रेणी के स्पेक्ट्रम और 3 गीगाहर्ट्ज बैंड के उच्च श्रेणी के स्पेक्ट्रम शामिल हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं जैसे डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि का हिस्सा है। साल 2015 के बाद 4जी तकनीक पूरे देश में फैल गई। जिससे डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ी है।

आज देश में 80 करोड़ ग्राहक ब्रॉडबैंड से जुड़े हैं। साल 2014 में यह आंकड़ा महज 100 मिलियन था। उल्लेखनीय है कि 5-जी नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की कीमत 4.31 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। इंटरनेट की पांचवी पीढ़ी को 5-जी के नाम से जाना जाता है। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा है। जो वेव्स के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराती है। दुनिया की पहली पीढ़ी की 1G इंटरनेट सेवा 1980 के दशक में शुरू की गई थी। जिसका इस्तेमाल 1992-93 तक किया गया था। 1994 में जब 2G को लॉन्च किया गया था। बाद में 3जी और 4जी को 2001 में लॉन्च किया गया। जहां 5G को दुनिया में 2010 में लॉन्च किया गया था, वहीं इस सर्विस को भारत में लॉन्च होने में 11 साल लग गए।

5जी नेटवर्क के फायदे

स्पीड: 5जी इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा इसकी स्पीड है, मौजूदा 4जी स्पीड 100 एमबीपीएस तक है। 5G में यह 10 गुना बढ़ जाएगा। फिलहाल लो बैंड 3जी 1 से 2 जीबीपीएस तक की स्पीड के साथ उपलब्ध होगा। 2 जीबी तक की मूवी 10 से 20 सेकेंड में डाउनलोड की जा सकती हैं।सकवरेज: 4-जी नेटवर्क वर्तमान में अधिकांश क्षेत्रों में उपलब्ध है, हालांकि यह अभी तक दूरदराज के इलाकों में नहीं पहुंचा है, 4 जी दूरसंचार कंपनियों को अपने नेटवर्क रेंज का विस्तार करने में सक्षम बनाता है।

4K वीडियो कॉल: वर्तमान गति से 10 गुना तेज, जो उपयोगकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता, अति उच्च रिज़ॉल्यूशन और 4K वीडियो कॉल करने की अनुमति देती है। बेहतर कनेक्टिविटी और कॉलिंग की सुविधा होगी। एचडी क्वालिटी की ऑडियो और वीडियो कॉलिंग की जा सकेगी। इससे ऑनलाइन गेमिंग से होगा फायदा और बहुत बहुत कुछ है 5जी में। लेकिन इतने विरोध के बाद 11 साल लग गए इसका भारत में इसको मंजूरी मिलने में।

Updated : 16 Jun 2022 12:08 PM GMT
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