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दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ेगा दशकों से उपेक्षित बुंदेलखंड

निर्बाध गति से की जा सकेगी दिल्ली से चित्रकूट तक 630 किमी की यात्रा, वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद आठ महीने पहले बनकर तैयार हुआ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे। 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बने 296 किलोमीटर लंबे चार लेन एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री शनिवार को करेंगे लोकार्पण, फरवरी 2020 में पीएम ने किया था शिलान्यास अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम दर में बना बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, 1132 करोड़ रुपए का हुआ लाभ

दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ेगा दशकों से उपेक्षित बुंदेलखंड
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लखनऊ: दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली और लखनऊ से जुड़ने वाला है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से बुंदेलखंड आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। 14,850 करोड़ रुपए की लागत से बने 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में किया गया है। सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे 296 किमी, डीएनडी फ्लाईवे नौ किमी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी कुल 630 किमी की यात्रा दिल्ली से चित्रकूट तक निर्बाध गति से की जा सकेगी।



बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। बुंदेलखंड के सीधा दिल्ली से जुड़ने का लाभ लोगों को मिलेगा और पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड भी मुक्त हो सकेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। बांदा और जालान में एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक कारिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी का चयन हो चुका है। उद्योग लगने से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। एक्सप्रेसवे के आरओडब्ल्यू के तहत लगभग सात लाख पौधरोपण किया जा रहा है।





एसीएस सूचना ने किया कार्यक्रम स्थल का दौरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम भव्य और दिव्य हो। इसी के मद्देनजर अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने 16 जुलाई को होने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लोकार्पण की तैयारियों का गुरुवार को जायजा लिया। उन्होंने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। इससे पहले मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने भी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का दौरा किया था।

फरवरी 2020 में पीएम ने किया था शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले फरवरी में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था और वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद 28 माह में 296 किमी लंबा एक्सप्रेसवे बनाया गया है। यह अपने निर्धारित लक्ष्य से आठ महीने पहले बना है। परियोजना में न्यूनतम निविदा अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम है, इससे यूपीडा को करीब 1132 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।

13 स्थानों पर है इंटरचेंज की सुविधा

एक्सप्रेसवे चार लेन (छह लेन विस्तारणीय) की चौड़ाई में है, इसकी लम्बाई- 296.07 किमी एवं राइट ऑफ वे 110 मीटर है। एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकासी के लिए 13 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए स्टैगर्ड रूप में सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।

Updated : 14 July 2022 6:44 PM GMT
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