संदीप देशपांडे का शिवसेना से सवाल, जब राज ठाकरे ने परप्रांतीयों के विरोध में आवाज उठाई थी,तब शिवसेना चुप क्यों थी?
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मुंबई। ‘सामना’ में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के नामों का उल्लेख करने पर मनसे नेता संदीप देशपांडे ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संदीप देशपांडे ने कहा इस पर राज ठाकरे सही समय आने पर अपनी भूमिका तय करेंगे। पर मेरे जैसे सामान्य मन सैनिकों के मन में कुछ सवाल है, जब 2008 में राज ठाकरे ने परप्रांतीयों के विरोध में आवाज उठाई थी।
उस समय सबको साथ आने के लिए आवाहान किया था, तब शिवसेना के सभी सांसद संसद में चुप थे। जिस समय पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम नहीं करने देंगे, मनसे ने जब यह मुद्दा उठाया था, तब भी शिवसेना चुप क्यों थी, क्यों नहीं मनसे का साथ दिया। यह प्रतिक्रिया मनसे नेता संदीप देशपांडे ने दी है।
गौरतलब है कि सामना में लिखा है कि ‘ठाकरे’ महाराष्ट्र के स्वाभिमान का एक ब्रांड है। दूसरा महत्वपूर्ण ‘ब्रांड’ पवार नाम से चलता है। मुंबई से इन ब्रांड को ही नष्ट करना है व उसके बाद मुंबई पर कब्जा जमाना है। इस पर राज ठाकरे को भी बोलना चाहिए।