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प्याज निर्यात पर महाराष्ट्र सरकार केंद्र से क्यों हुई नाराज?

प्याज निर्यात पर महाराष्ट्र सरकार  केंद्र से क्यों हुई नाराज?
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाने को लेकर महाराष्ट्र में विरोध जताया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्यात पर पाबंदी हटाने को लेकर केंद्र को पत्र लिखने की बात कही है। महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और NCP ने केंद्र के इस कदम को 'किसान-विरोधी' 'महापाप' और 'अन्याय' भरा कदम बताया। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्य के मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर रोक लगाने को लेकर रोष जताने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही।

राज्य की गठबंधन सरकार में सहयोगी राकांपा के नेता राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्र के इस निर्णय को किसानविरोधी और उन पर दबाव बढ़ाने वाला 'महापाप' बताया। राकांपा मुख्यालय पर एक बैठक में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर प्याज के निर्यात पर रोक लगाई है, जब किसानों को अच्छी कीमत मिल रही थी। यह पूरी तरह गलत है। यह बात साफ है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि प्याज उत्पादक पहले से कोविड-19 की मार झेल रहे हैं और अब केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी लगाकर उन पर और दबाव बनाने का महापाप किया है।

राज्य में गठबंधन सरकार की एक और सहयोगी दल कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध के चलते प्याज के दाम गिर गए हैं। पार्टी इस 'अन्याय' से किसानों को बाहर निकालने के लिए लड़ाई लड़ेगी। उसका प्रदर्शन केंद्र सरकार के इस फैसले को वापस लेने तक जारी रहेगा। थोराट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्याज के दाम 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल गिर गए हैं।

Updated : 17 Sept 2020 3:10 PM IST
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