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IDBI बैंक को क्यों बेचा जा रहा है ?

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वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजु ने 5 मई को जानकारी दी कि आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री 2025 के कैलेंडर वर्ष के भीतर पूरी हो जाएगी।

"आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की बिक्री इसी कैलेंडर वर्ष में पूरी हो जाएगी," उन्होंने Moneycontrol से बात करते हुए कहा।

एम. नागराजु ने यह बयान पहले रेजिडेंशियल मॉर्गेज-बैक्ड सिक्योरिटीज (RMBS) की लिस्टिंग समारोह के मौके पर दिया, जहां वे बतौर अतिथि उपस्थित थे।

भारत सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), दोनों मिलकर IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में हैं। यह रणनीतिक बिक्री भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक अहम कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देना और सरकारी बोझ को कम करना है।

आईडीबीआई बैंक विनिवेश प्रक्रिया की मुख्य बातें:

भारत सरकार और LIC, संयुक्त रूप से IDBI बैंक की लगभग 60.72% हिस्सेदारी रखते हैं।

इस रणनीतिक बिक्री के तहत सरकार और LIC दोनों अपनी हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा निजी क्षेत्र को सौंपना चाहते हैं।

इस प्रक्रिया में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने रुचि दिखाई है।

सरकार इस बिक्री से राजकोषीय घाटे को कम करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दक्षता लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

एम. नागराजु के अनुसार, प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरणों की ओर बढ़ रही है और उम्मीद है कि 2025 के अंत तक यह पूरा हो जाएगा। इससे सरकार को महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन मिलेंगे और IDBI बैंक को एक नई दिशा मिलेगी।

Updated : 10 Jun 2025 5:54 PM IST
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