फेसबुक फॉलोअर्स की संख्या अचानक क्यों घट गई?
लोगों को फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए कई पीआर एजेंसियां काम करती है नकली आईडी के बिना लोगों के फॉलोअर्स नहीं बनते एक मेल आई एक नंबर से कई अकाउंट लोग बना तो लेते कुछ समय के लिए लेकिन फेसबुक मॉनिटरिंग में या शिकायत मिलने पर तुरंत उनको ब्लॉक किया जा रहा है।
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: सोशल मीडिया पर इस वक्त सिर्फ एक ही चर्चा जोरों चल रही है। आपके फॉलोअर्स क्यों कम हुए? सिर्फ सेलिब्रिटी ही नहीं बल्कि फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग के फॉलोअर्स भी कम हो गए हैं। फेसबुक सही फॉलोवर्स की वक्त वक्त पर जांच करता है फर्जी अकाउंट से खोले गए फेसबुक अकाउंट बंद होने पर लोगों के फॉलोअर्स दिखाई देते है लेकिन वो किसी काम के नहीं। जो अकाउंट से कोई एक्टिविटी नहीं होती जिन पर कोई अपराधिक संकेत देता है उस अकाउंट को फेसबुक खुद डिलीट कर देता है।
इसका क्या कारण था?
न केवल आपने या आपके संपर्कों ने अनुयायियों को खो दिया है, बल्कि मार्क जुकरबर्ग को भी खो दिया है। उनके भी अब सिर्फ 9,993 फॉलोअर्स बचे हैं। फेसबुक में बग की वजह से यह संख्या रातों-रात कम हो गई है। हजारों फॉलोअर्स कम हो गए हैं। चर्चा यह भी है कि फर्जी फॉलोअर्स को हटाने और फर्जी अकाउंट को डिलीट करने से भी ऐसा हुआ होगा। लेकिन फिर सवाल उठता है कि क्या मार्क जुकरबर्ग के सभी फॉलोअर्स फर्जी हैं?
फेसबुक करता मॉनिटर असली है या नकली यूजर्स की आईडी!
न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका में भी कई लोगों के साथ ऐसा देखने को मिला है। अमेरिका के कुछ सबसे बड़े मीडिया संगठनों के फेसबुक फॉलोअर्स अचानक कम हो गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, द हिल जैसे कई मीडिया के फेसबुक फॉलोअर्स में कमी आई है। अप्रैल और जून 2022 के बीच, फेसबुक को 1.4 बिलियन बॉट, या नकली या रोबोट से चलने वाले खातों का संदेह था।
साइबर एक्सपर्ट क्या कहते है
फेसबुक द्वारा जारी एक बयान में, फेसबुक ने पिछले तीन महीनों में इन फर्जी खातों को बंद कर दिया। हम जितना संभव हो सके सभी नकली खातों को हटाना चाहते हैं। इनमें से कई खाते झूठे प्रचार के लिए चलाए गए और उन्हें आर्थिक रूप से प्रोत्साहित भी किया गया। साइबर एक्सपर्ट सचिन रस्ते ने मैक्स महाराष्ट्र को बताया कि जिस तरह से न्यूज़ चैनलों के फेक टीआरपी का मामला सामने आया था, जिस तरह से टीआरपी की रेटिंग ली जाती है उसी तरह से फेसबुक के पास भी अपने यूजर्स को लेकर एक मापदंड निर्धारित किया गया है सारी जानकारी यूजर्स की फेसबुक के पास होती है। कौन किसको फॉलो कर रहा है एक नंबर से कितने फेसबुक के अकाउंट है एक ही इंसान ने कितने नामों से फेक आई डी बनाई है उसका एक ही नंबर एक ही सर्वर से इस्तेमाल होने पर फेसबुक की टेक्निकल टीम उसको कैच कर लेती है और अकाउंट को ब्लॉक कर देती है।
सचिन रस्ते ने बताया कि कई मामलों में फेसबुक की आईडी को हैक कर लिया जाता है तो लोग दूसरी आईडी बना लेते है शिकायत नहीं करते है। उसका कोई और कोई नंबर और फ्री के वाईफाई से इस्तेमाल करने लगता है। इसका तुरंत फेसबुक को अंदाजा लग जाता है। कई बार नहीं दिन में कई हजार देशभर से सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने पर हजारों सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक किया जाता है। उससे अछूता फेसबुक नहीं वो भी ब्लॉक करता है और सरकार की ओर से भी उसे ब्लॉक करने के निर्देश दिए जाते है।