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नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?

तो सवाल उठता है — क्या बालेन्द्र शाह नेपाल के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं?

नेपाल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?
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नेपाल एक बार फिर राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देशभर में फैले विरोध प्रदर्शनों, जन असंतोष और हिंसा के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब देश की सड़कों पर हजारों युवा "बदलाव" की माँग कर रहे हैं, और सोशल मीडिया पर एक नया नाम बार-बार उभर कर सामने आ रहा है — बालेन्द्र शाह (Balen Shah)।


राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा अचानक नहीं आया। बीते कई हफ्तों से देशभर में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे, जिनमें खासतौर पर जनरेशन Z और युवा वर्ग की भागीदारी देखने को मिली।

प्रदर्शनकारियों की मुख्य माँगें थीं:

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई

सोशल मीडिया पर लगाई गई सेंसरशिप हटाना

बेरोजगारी और आर्थिक बदहाली को दूर करना

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा

सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई कड़ी कार्रवाई ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। दर्जनों लोग घायल हुए, और कई की जान भी गई। इस बढ़ते दबाव के बीच ओली को पद छोड़ना पड़ा।

बालेन्द्र शाह: एक उभरता हुआ चेहरा

बालेन्द्र शाह, जिन्हें आम तौर पर “बालेन” कहा जाता है, वर्तमान में काठमांडू के महापौर हैं। वे एक सिविल इंजीनियर, बैटल रैपर और राजनीतिक स्वतंत्र चेहरा हैं।

उनकी छवि साफ़-सुथरी, प्रगतिशील और युवा-केन्द्रित है। यही वजह है कि आज नेपाल के हज़ारों युवा उन्हें अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं।

उनके पक्ष में क्या है?

स्वतंत्र छवि: वे किसी भी पारंपरिक राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं।

ईमानदार नेतृत्व: काठमांडू में बतौर महापौर उनके काम की काफी सराहना हुई है।

युवा समर्थन: जनरेशन Z और सोशल मीडिया पर उनकी ज़बरदस्त फॉलोइंग है।

शिक्षित और आधुनिक सोच: वे तकनीक और नवाचार को अपनाने वाले नेता हैं।

क्या वे वास्तव में प्रधानमंत्री बन सकते हैं?

नेपाल की राजनीतिक व्यवस्था संसदीय प्रणाली पर आधारित है, जहाँ प्रधानमंत्री का चयन संसद में बहुमत से होता है। चूंकि बालेन्द्र शाह किसी दल से नहीं जुड़े हैं और संसद में उनकी कोई सीट नहीं है, इसलिए वे वर्तमान व्यवस्था में प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नहीं बन सकते।

लेकिन...

यदि कोई सर्वदलीय या अंतरिम सरकार बनाई जाती है, तो एक न्यूट्रल नेतृत्व की ज़रूरत होगी।

ऐसे में बालेन्द्र शाह को एक ट्रांजिशनल (अंतरिम) प्रधानमंत्री या 'जनता द्वारा प्रस्तावित उम्मीदवार' के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

भविष्य की दिशा

नेपाल आज एक नाज़ुक मोड़ पर खड़ा है — जहाँ जनता बदलाव चाहती है, और पुरानी राजनीति चरमरा रही है। ऐसे में कोई नया, साहसी और युवा नेता ही उम्मीद की किरण बन सकता है।

बालेन्द्र शाह उस ऊर्जा और सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसकी माँग आज के युवा कर रहे हैं।

Updated : 10 Sept 2025 4:21 PM IST
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