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महाराष्ट्र की राजनीति में ‘पार्थ’ अनेक पर ‘कृष्ण’ कौन?

महाराष्ट्र की राजनीति में ‘पार्थ’ अनेक पर ‘कृष्ण’ कौन?
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मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ परंपरा है, इस घराने की परंपरा है… कुछ साल पहले राज्य में चाचा विरुद्ध भतीजा इस तरह का संघर्ष खूब चला। बालासाहेब ठाकरे, गोपीनाथ मुंडे व शरद पवार ये तीन चाचा व राज ठाकरे, धनंजय मुंडे व अजित पवार ये तीन भतीजे…इन नामों के इर्द-गिर्द खूब हलचल रही। धीरे-धीरे समय बीतता गया और राज्य की राजनीति में रिश्तेदारों का बोलबाला शुरू हो गया, मगर बदलते समय के अनुसार इन घरानों की नई युवा पीढी कुछ खास आगे बढ़ती नहीं दिखाई दे रही है।
आदित्य उद्धव ठाकरे
बालासाहेब ठाकरें ने महाराष्ट्र में आदित्य ठाकरे नामक युवा नेता की घोषणा की थी। आदित्य ठाकरे पहली बार वरली से विधायक बने, मंत्री हैं। सुशांत सिंह प्रकरण ने आदित्य ठाकरे की छवि को जरूर धक्का दिया है।
अमित राज ठाकरे
अमित ठाकरे अब भी राजनीति में उतने एक्टिव नहीं दिख रहे। राज ठाकरे ने भले ही बेटे को फटाफट राजनीति में उतार दिया, पर उतनी चर्चा नहीं, जितनी राज ठाकरे की। अमित कभी-कभी ही चर्चा में रहते हैं।
पार्थ अजित पवार
राजनीति का अनुभव न होने के बाद लोकसभा का चुनाव लड़े और हार गए। अभी तक पार्थ की पहचान महाराष्ट्र में नहीं पाई है।
पक्षविरोधी भूमिका लेने से शरद पवार के हिटलिस्ट पर पार्थ पवार के आने से राजनित में उनके कैरियर पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
रोहित पवार
शरद पवार का एक और पोता… रोहित पवार बारामती से दूर कर्जत-जामखेड से चुनाव लड़े. वहां से जीते भी, लेकिन एनसीपी ने संगठन में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है।
निलेश व नितेश राणे

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के दोनों पुत्र नितेश राणे व निलेश राणे भी कोकण तक ही सीमित हैं। निलेश व नितेश राणे की भड़कदार भाषा उनके मार्ग में बाधा डाल सकती हैं।

अमित व धीरज विलासराव देशमुख

पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दोनों ही पुत्र कभी उतने उभर कर कभी नहीं दिखे, जितना इनके पिताजी स्व.विलासराव देशमुख थे। हालांकि अमित देशमुख मंत्री भी बनें हैं। पर धीरज देशमुख विधायक तो बन गए पर राज्य की राजनीति में सक्रीय नहीं दिख रहे हैं।

फिलहाल तो उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, अजित पवार, पंकजा मुंडे, धनंजय मुंडे यह नाम राज्य की राजनीति में सक्रीय हैं, हां इतना जरूर है कि भविष्य की राजनीति युवा नेतृत्व के हाथों जा सकती है, मगर बदलते जमाने के साथ, इन्हें भी राजनीति के दावपेच, अपनी भाषा, अन्य कौशल मार्ग दिखाने वाले कृष्ण कौन है यह प्रश्न अभी भी कायम है।

Updated : 14 Aug 2020 1:26 PM GMT
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