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ब्याज पर पैसा लेकर व्यवसाय कर रहा हूं, उधार न मांगे; सब्जी विक्रेता ने ठेले पर लगायी ग्राहकों से अपील की तख्ती

कोरोना के बाद से हर कोई परेशान है चाहे नौकरी करने वाला हो छोटा बड़ा व्यापारी। पहले भी दुकानों पर यह फलक सभी ने देखे हैं आज नगद कल उधार, उधारी बंद, इत्यादि लेकिन किसी ठेले वाले को देखा आपने इस तरह की तख्ती लगाकर लोगों से अपील करने की कवायद नहीं ना यह सच है लोग महंगाई और दो जून की रोटी के लिए तंग हो गए है....

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बुलढाणा: पिछले दो साल से पूरी दुनिया में कोरोना महामारी ने कोहराम मचा रखा है, जिसमें आम आदमी को भी भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। ऐसे में आज के दौर में छोटे-बड़े कारोबारियों के लिए भी भुखमरी का समय आ गया है। छोटे व्यवसायी ब्याज पर पैसा लाकर व्यापार शुरू करते है लेकिन आज महंगाई में उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। ऐसा ही एक उदाहरण बुलढाणा के मलकापुर शहर में देखने को मिला जहां एक सब्जी विक्रेता ने अपनी सब्जी की गाड़ी पर एक चिन्ह लगा दिया और उस पर उसने कहा "उधार नहीं, कृपया उधारी मत मांगो, यह लिखकर सच में एक छोटे व्यापारियों के सामने आज क्या स्थिति है उसको बताने की कवायद की है। व्यवसाय शुरू किया है ब्याज पर पैसा लेकर" कृपया उधार न मांगे, नकद में भुगतान करें।



क्या भीख मांगने का समय आ गया है जीवन यापन करने के लिए ब्याज पर छोटे व्यापारियों को पैसा लेकर व्यवसाय करना पड रहा है। सब्जी की गाडी लेकर जगह सब्जी तरकारी बेचने वाला है छोटा सब्जी विक्रेता राजू दाते। उसने एक तख्ती के साथ सड़कों पर जाकर अपना व्यवसाय फिर से शुरू किया। इस सब्जी विक्रेता की अनूठी उपस्थिति की वर्तमान में जिले में चर्चा हो रही है। राजू दाते, मलकापुर शहर के माता महाकाली नगर निवासी एक बडा सब्जी विक्रेता था जो पिछले 15 से 20 साल से सब्जी बेचने का कारोबार करता हैं। लेकिन कोरोना काल में आम लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई जिसमें राजू भी एक है। कोरोना से संघर्षों के बाद राजू फिर से खडा हुआ है लेकिन इसमें पहली की तरह सब्जी व्यवसाय करने की पहल नहीं बची है। सब भुगतना पड़ा सब्जी विक्रेता राजू दाते का शिकार लगभग दो साल बाद कोरोना महामारी पर काबू पा लिया गया है और सभी धंधा शुरू हो गए हैं। राजू बताते है करोना काल के पहले उन्होंने 30 से 40 हजार रुपये तक की लोगों को उधार दी लेकिन लोगों ने उनके पैसे नहीं दिए, आज कल कर रोज टाल देते है भुखमरी की नौबत और अपने हालातों के चलते उसने यह निर्णय लिया और तख्ती लगाई है।



हालांकि बाजारपेठ में कारोबार में मंदी है, लेकिन छोटे से सब्जी व्यवसाय से राजू दाते ने भी अपना धंधा फिर से शुरू कर दिया है। राजू का कहना है कि छोटे बड़े व्यवसाय से आज हर कोई अपने दो वक्त की रोटी का ही जुगाड़ करके पेट भर रहा है। लेकिन उनके पास इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने ब्याज पर पैसा लेकर सब्जी का व्यवसाय फिर से शुरू किया है। उन्होंने इसे चालू रखने के लिए अनोखे अंदाज में लड़ाई लड़ी है और अपनी सब्जी की गाड़ी पर तख्ती लगाकर उस पर साफ शब्दों पर लिखा है कि उधार बंद कर दिया है ,उधारी मत मांगो। नकदी भुगतान करें इस तरह की अपील करने वाली गाडी पर तख्ती लगाई है। उपभोक्ताओं से उनका निवेदन है को भीख मांगने का समय बताकर सतर्क किया गया है। यह हास्यास्पद है लेकिन वास्तव में यह एक सच्चाई है।

Updated : 24 July 2022 5:39 PM IST
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