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`गद्दारों को सब गद्दार नजर आते हैं, कांग्रेस में कोई गद्दार नहीं:- नाना पटोले

​पार्टी छोड़ कर गए शिवसेना और एनसीपी नेताओं के मुंह से मोदी- शाह की स्क्रिप्ट की भाषा. हम मानसून सत्र में सरकार से महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे पर जवाब मांगेंगे.

`गद्दारों को सब गद्दार नजर आते हैं, कांग्रेस में कोई गद्दार नहीं:- नाना पटोले
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​स्पेशल डेस्क मैक्स महाराष्ट्र /मुंबई-​ ​प्रदेश में तोड़फोड़ की राजनीति चल रही है और इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है।शिवसेना और एनसीपी छोड़ कर गए नेता वही भाषा बोल रहे हैं, जो स्क्रिप्ट दिल्ली से मोदी और शाह ने लिखी है। राकां नेता अजीत पवार की भाषा वही है, जो एकनाथ शिंदे ने शिवसेना छोड़ते समय इस्तेमाल की थी। यह कोई संयोग नहीं बल्कि दिल्ली से मोदी-शाह द्वारा दी गई स्क्रिप्ट है। हालांकि कुछ लोगों ने शिवसेना और एनसीपी छोड़ दी है, लेकिन कांग्रेस को कोई नहीं छोड़ेगा। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।उन्होंने तंज कसते हुए कहा गद्दारों को तो हर कोई गद्दार दिखता है, लेकिन कांग्रेस में कोई गद्दार नहीं है।

शनिवार को तिलक भवन में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता के बल पर विपक्षी पार्टी को तोड़ रही है। चूंकि भाजपा विपक्षी दलों को नहीं चाहती है। इसलिए वह विपक्षी दल में फूट डालकर विपक्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है। लेकिन आम लोगों को बीजेपी की यह राजनीति पसंद नहीं आ रही है। इसलिए तस्वीर यह है कि जो नेता पार्टी छोड़ कर बीजेपी में गए है, उन क्षेत्रों में उन्हें लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल को हमेशा पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिए। संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। दस साल तक केंद्रीय मंत्री का पद दिया। लोकसभा में हार के बाद राज्यसभा भेजा। वही पटेल आज शरद पवार पर टिप्पणी करते हुए निम्न दर्जे की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

सत्र में किसान, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे..

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसान संकट में हैं। सरकार ने मदद की घोषणा तो की लेकिन यह मदद किसानों को नहीं मिली। किसानों को सोयाबीन, प्याज, केले की फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे है। जबकि कपास किसानों के घरों में पड़ा हुआ है। जून माह बीत जाने के बावजूद अभी तक बुआई नहीं हो सकी है। कांग्रेस की राय है कि इन मुद्दों पर मानसून सत्र में चर्चा होनी चाहिए। पटोले ने कहा कि 17 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र के पहले दिन हम सरकार से महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के सवाल पर जवाब मांगेंगे।

Updated : 8 July 2023 3:19 PM GMT
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