Torres कंपनी ने किया घोटाला! जानिए क्या हुआ था?
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Torres ज्वेलरी कंपनी ने रचा बड़ा घोटाला: लाखों निवेशकों की मेहनत की कमाई लूटी
दादर में कुछ महीनों पहले शुरू हुई Torres नामक ज्वेलरी कंपनी ने अपनी आकर्षक योजनाओं और बड़े वादों के जरिए हजारों लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। कंपनी ने दावा किया कि उनकी स्कीम में निवेश करने पर हर सप्ताह 7% तक का रिटर्न मिलेगा। इस योजना ने लोगों को तेजी से आकर्षित किया, और देखते ही देखते कंपनी ने करोड़ों रुपये इकट्ठा कर लिए।
कैसे हुआ घोटाला?
आकर्षक रिटर्न का वादा: कंपनी ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि अगर वे उनके ज्वेलरी उत्पाद खरीदेंगे या सीधे निवेश करेंगे, तो उन्हें हर हफ्ते 7% तक का रिटर्न मिलेगा।
शुरुआती विश्वास: शुरुआत में, कंपनी ने दो महीने तक लोगों को वादे के अनुसार भुगतान किया।
अत्याधुनिक ऐप: कंपनी ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया, जहां निवेशक अपने पैसे की स्थिति और रिटर्न को ट्रैक कर सकते थे। यह ऐप लोगों के विश्वास को और बढ़ाने का एक माध्यम बना।
खरीदी गई ज्वेलरी: निवेश की राशि के बदले कंपनी ने ग्राहकों को "मोइसिनाइट स्टोन" दिया, जिसे वे नकली बताते थे।
लोगों का विश्वास जीतने की चाल
Torres कंपनी ने एक और स्कीम लॉन्च की, जिसमें कहा गया कि जो भी नए निवेशकों को स्कीम से जोड़ेगा, उसे प्रति नए निवेशक 20 रुपये का कमीशन मिलेगा। यह योजना बेहद सफल रही और लोगों ने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और जान-पहचान वालों को जोड़ना शुरू कर दिया।
बड़ी घोषणा: कुछ समय बाद, कंपनी ने 7% की जगह 11% साप्ताहिक रिटर्न की नई योजना शुरू की।
बड़ा निवेश: इस लालच में कई लोगों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कुछ ने कर्ज लिया, तो कुछ ने अपने घर और गहने बेचकर पैसा लगाया।
धोखाधड़ी का खुलासा
इस हफ्ते, Torres कंपनी के सीईओ तौसिफ रेयाज और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक गुप्ता, जो 100 लोगों की एक मजबूत टीम के साथ काम कर रहे थे, अचानक गायब हो गए। उनके कार्यालय बंद हैं, और वेबसाइट और ऐप काम नहीं कर रहे।
निवेशकों को तब अहसास हुआ कि यह एक सुनियोजित घोटाला था।
निवेशकों का दर्द
हजारों निवेशक, जिनमें से कई ने अपनी जीवन भर की बचत इस योजना में लगा दी थी, अब निराश और गुस्से में हैं।
एक निवेशक ने कहा: "मैंने अपने बेटे की शादी के लिए जोड़े पैसे इसमें लगाए थे। अब कुछ भी नहीं बचा।"
दूसरे ने कहा: "कंपनी के वादों पर भरोसा करके मैंने अपना घर बेच दिया। अब मैं सड़क पर हूं।"
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तौसिफ रेयाज और अभिषेक गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कार्यालयों पर छापा: दादर स्थित मुख्य कार्यालय समेत अन्य जगहों पर छापेमारी की गई।
बैंक खाते जब्त: कंपनी के बैंक खातों और संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है।
फरारी: पुलिस का कहना है कि सीईओ और उनकी टीम ने विदेश भागने की योजना बनाई थी।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्कीम, जो बहुत अधिक रिटर्न का वादा करती हैं, अक्सर धोखाधड़ी होती हैं।
"कोई भी वैध निवेश इतनी जल्दी इतना बड़ा रिटर्न नहीं दे सकता। लोगों को ऐसी योजनाओं से बचना चाहिए," विशेषज्ञ ने कहा।
"हमेशा कंपनी की पृष्ठभूमि जांचें और निवेश से पहले सोच-समझकर निर्णय लें," उन्होंने जोड़ा।