प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर महिला ने दिया जन्म, बच्चे की मौत अस्पताल से नहीं मिली कोई मदद?
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यवतमाल: प्रशासन इस बात पर जोर देता है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए प्रत्येक महिला अस्पताल में जन्म देती है। हालांकि, उमरखेड तालुका के विडुल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर एक महिला ने जन्म दिया और स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर आग की चपेट में आ गई है। जन्म देने वाली महिला का नाम शुभांगी सुदर्शन हापसे (प्रसूति के लिए आई महिला का नाम है) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई नहीं होने के कारण महिला ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया। महिला के परिजनों ने मीडिया को जानकारी दी कि नवजात की मौत हो गई है।
विधायक नामदेव ससाने, उमरखेड महागाव विधानसभा ने भी इस मामले पर गहरा शोक जताया हुए कहा कि यह एकदम निंदनीय अस्पताल व्यवस्था का उदाहरण सामने आया है मैने जिला के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी से इसको लेकर फोन पर बात की है, उनको निर्देश दिया है। सभी अस्पताल के सीएमओ को काम पर सदैव उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, इस घटना में दोषी पाए जाने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतनी सी बात कहकर विधायक जी ने तो अपना पिंड छुड़ा लिया लेकिन अस्पतालीन व्यवस्था में कितने कर्मचारियों की कमी है इस बात का सायद उनको अंदाजा नहीं है।
हाल में ही महाराष्ट्र के कई स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का मामला सामने आया था। एक बच्चों को कुत्ते ने भयानक तरह से जख्मी कर दिया था उसका अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी होने के कारण कई घंटों के बाद इलाज हुआ। लोगों ने हंगामा किया जिला सरकारी अस्पताल के प्रमुख वैद्यकीय अधिकारी ने साफ कह दिया था कि अस्पताल में स्वास्थकर्मियों की कमी होने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है।
उमरखेड तालुका के विडुल में चौंकाने वाली घटना को लेकर लोगों में काफी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के नाम पर सरकार को कई लाख करोड़ रुपये का बजट पास होता है जैतै कहा है न तो स्वास्थ्य कर्मियों की सही से नियुक्ति होती है न ही लोगों का सही से इलाज हो पा रहा है लोगों की इन्ही कारणों से मौत हो रही है लोगों की जान की कीमत का सरकार को कोई मोल नहीं है। क्या महाराष्ट्र के इन अस्पालीन व्यवस्था का मुद्दा कोई मानसून सत्र में कोई नेता उठाएंगा लोगों की ऐसी उम्मीद बनी हुई है।